रीवा संभाग

Rewa news रीवा में शराब की दुकानों पर खुलेआम लूट: आबकारी विभाग पर मिलीभगत का आरोप

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Rewa news रीवा शहर और जिले के ग्रामीण इलाकों में शराब की दुकानों पर निर्धारित मूल्य (MRP) से अधिक कीमत वसूलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. कुछ समय पहले मीडिया ने इस मुद्दे को उजागर कर कलेक्टर के संज्ञान में लाया था, जिसके बाद आबकारी विभाग को तुरंत जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. हालांकि, कागजों पर तो शराब MRP पर बेची जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. शराब दुकानदार अभी भी ग्राहकों को खुलेआम लूट रहे हैं.

आबकारी अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप

आरोप है कि इस पूरे गोरखधंधे में आबकारी अधिकारी अनिल जैन की मिलीभगत है. ग्राहकों द्वारा बनाए गए कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें शराब दुकानों के कर्मचारी बेखौफ होकर यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि “रीवा में कहीं भी MRP पर शराब नहीं मिलेगी.” ऐसे ताज़ा मामले शहर के विभिन्न हिस्सों और ग्रामीण क्षेत्रों की शराब दुकानों से सामने आए हैं.

नियमों का खुला उल्लंघन और अवैध अहाते

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अधिवक्ता बीके माला ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शराब दुकानों पर खुलेआम नियमों का उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने बताया कि न केवल तय मूल्य से अधिक दरों पर शराब बेची जा रही है, बल्कि अवैध अहाते भी धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं. दुकानों पर रेट लिस्ट तक नहीं लगाई जाती और देर रात तक शराब की बिक्री जारी रहती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई वीडियो में शराब दुकानों के कर्मचारी ग्राहकों को धमकाते हुए नज़र आ रहे हैं और सवाल करने पर मारपीट तक कर दी जाती है.।

आबकारी विभाग की संलिप्तता के गंभीर संकेत

बीके माला ने आबकारी विभाग पर सीधे तौर पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा, “जब यह सब कुछ जगजाहिर है और फिर भी आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, तो यह साफ दर्शाता है कि कहीं न कहीं सांठगांठ ज़रूर है.” उन्होंने आगे कहा कि जिले में शराब कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें न तो कानून का डर है और न ही प्रशासन का.

इन गंभीर आरोपों के बावजूद, आबकारी विभाग और शराब ठेकेदार इन्हें बेबुनियाद बता रहे हैं. वहीं, रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा, “इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है. सभी दुकानों पर रेट सूची अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए गए हैं. यदि कोई भी नियम तोड़ेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.”
हालांकि, आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दुकानों में एक बार कोड चस्पा कर दिया गया है जिसे स्कैन करने के बाद शराब के रेट दिखाई देते हैं. मगर ये बातें हवा हवाई निकल रही हैं, क्योंकि हर कोई ग्राहक न तो उस बारकोड को स्कैन करता है और न ही हर ग्राहक स्मार्टफोन का उपयोग करता है. हर शराब दुकान में शराब की सूची पारदर्शी होनी चाहिए जिससे ग्राहक जब दुकान पर जाए तो उसे कीमतों की पूरी लिस्ट स्पष्ट रूप से दिखाई दे.

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