Mp news: रीवा में उदित इंफ्रा कंपनी का क्रूर धोखा: घायल युवक ने गंवाया पैर, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, न्याय की मांग
Mp news: रीवा: जिले में बेलगाम उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की एक और भयावह करतूत सामने आई है। कंपनी के धोखे और लापरवाही का खामियाजा देवरा गांव के माधव प्रसाद कुशवाहा को भुगतना पड़ा है, जिन्हें हाल ही में एक दर्दनाक सड़क हादसे में अपना पैर गंवाना पड़ा। पीड़ित परिवार का आरोप है कि कंपनी ने लिखित आश्वासन के बावजूद इलाज का खर्च देने से साफ इनकार कर दिया, जिससे पीड़ित परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। यह घटना कंपनी की आपराधिक लापरवाही और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उसके पूर्ण उदासीन रवैये को दर्शाती है।
दर्दनाक हादसा और कंपनी की मनमानी
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सोमवार को बेला-सिलपरा निर्माणाधीन रिंग रोड पर हुई। माधव कुशवाहा अपने दो बच्चों के साथ बाइक से निपानिया स्कूल जा रहे थे, तभी डोमा मोड़ के पास उदित इंफ्रा कंपनी की एक जेसीबी लोडर , जिसे कंपनी का कर्मचारी दिलीप यादव लापरवाही से चला रहा था, उनकी बाइक को टक्कर मार दी।
इस भीषण टक्कर में माधव कुशवाहा जेसीबी के नीचे आ गए और गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि उनके बच्चों को मामूली चोटें आईं।
हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में घटनास्थल पर जमा हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्काल घायल माधव को संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया और इसके बाद उदित इंफ्रा कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए रीवा-मुकुंदपुर सड़क को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने दोषी चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की।
कंपनी का झूठा वादा और नृशंस विश्वासघात
चोरहटा थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद, उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने शुरुआत में पीड़ित परिवार को झूठे आश्वासन दिए। कंपनी ने माधव कुशवाहा के इलाज का पूरा खर्च उठाने के साथ ही, परिवार को हर महीने ₹20,000 की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का लिखित वादा किया था।
लेकिन, यह सभी वादे महज दिखावा साबित हुए। कंपनी, जिसका स्वामित्व कथित तौर पर सेमरिया विधानसभा के विधायक अभय मिश्रा के पास है, अपने वादे से बेरहमी से मुकर गई। कंपनी के इस धोखे के बाद, माधव कुशवाहा की हालत बिगड़ती गई, और उन्हें बेहतर इलाज के लिए मजबूरन नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पैर गंवाने की पीड़ा और बढ़ता आक्रोश
नागपुर में डॉक्टरों की टीम को माधव कुशवाहा के बुरी तरह क्षतिग्रस्त पैर को काटना पड़ा। इस हृदयविदारक इलाज में लगभग 4 से 5 लाख रुपये का भारी खर्च आया है, जिसने पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रहे पीड़ित परिवार पर और बोझ डाल दिया है।
कंपनी द्वारा सहायता से पीछे हटने और माधव कुशवाहा के पैर गंवाने की इस घटना ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश भर दिया है। वे अब उदित इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई और माधव कुशवाहा को तत्काल न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
यह घटना न केवल कंपनी की घोर लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे सत्ता के करीब होने वाली कंपनियां आम जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ करती हैं।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब उदित इंफ्रा कंपनी की लापरवाही उजागर हुई हो। रीवा-सेमरिया मार्ग के निर्माण के दौरान भी इसी कंपनी की लापरवाही के कारण एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद, कंपनी अपनी आपराधिक लापरवाहियों से बाज नहीं आ रही है, जिससे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल है।
उपचार कराने से किया इनकार
भीषण सड़क हादसे में घायल माधव कुशवाहा के परिजनों का आरोप है कि उदित इंफ्रा कंपनी के द्वारा इस घटना के बाद तुरंत मौके पर पहुंचकर लिखित आश्वासन दिया गया था कि इस सड़क हादसे में घायल व्यक्ति का पूरा उपचार और हर महीने ₹20000 के रू देगी और जब वह ठीक हो जाएगा तो उसे नौकरी भी दी जाएगी मगर अब पीड़ित परिवार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जब इलाज के लिए कंपनी से बात की गई तो अभय मिश्रा की कंपनी उदित इंफ्रा के द्वारा बोल दिया गया कि मध्य प्रदेश में अगर उपचार होगा तभी हम उपचार का खर्च उठाएंगे मध्य प्रदेश के बाहर हम खर्च नहीं दे पाएंगे मगर दुर्भाग वस मध्य प्रदेश में अच्छा उपचार अच्छे डॉक्टर ना होने के चलते गरीब परिवार नागपुर ले जाने को मजबूर हुए और रीवा संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर ने भी पैर काटने की बात कही थी मगर पीड़ित परिवार लेट लपेट के चलते नागपुर ले गए जहां नागपुर के डॉक्टर के द्वारा सड़क हादसे में हाल माधव कुशवाहा का पैर काट दिया गया है और इस पूरे उपचार का खर्चा लगभग 4 से 5 लाख भी डॉक्टरों की टीम के द्वारा बताया जा रहा है