Mauganj news: मऊगंज वासियों के लिए खुशखबरी! काजू प्रोसेसिंग के लिए खुलेगी यहां कम्पनी
MauganJ News today: कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कृषि क्षेत्र में पौधरोपण के साथ ही लोगों को अमरकंटक में विशेष रूप से पाए जाने वाले फलदार वृक्षों आम एवं गुलाब जामुन फल एवं अन्य फलों के बारे में जागरूक करने के लिए चर्चा की गई। रीवा जिले में हल्दी की खेती के लिए भी प्रदर्शनी लगाई गई है। कई तरह की हल्दी और उसमें इस्तेमाल होने वाले दूसरे मसालों की खेती के बारे में लोगों को जानकारी दी गई है।
अधिकारी ने बताया कि हमने आमों की प्रदर्शनी लगाई है। आमों की प्रदर्शनी का मतलब है कि रीवा जिले के सभी सरकारी बगीचों से जो भी आम आते हैं, वो यहां पर प्रदर्शित हैं। इनमें सुंदरजा, लंगड़ा, दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली और रामकेला, एक नई किस्म है। रामकेला का उपयोग अचार, रोमानी के लिए होता है। इस दौरान उन्होंने बताया कि हमने आमों की सभी किस्में लगाई हैं और हमने यहां पर जो पीएमएफ स्कीम चलती है, प्रधानमंत्री उन्नयन योजना, उसको लागू किया है, जिसमें 10-35% तक सब्सिडी है। अधिकतम 10 लाख की सब्सिडी है? हमने इसमें निवेश किया है।
मऊगंज में नया उद्योग होगा स्थापित
उन्होंने जानकारी देते हुए कहां हमने अपने रीवा जिले और मऊगंज जिले में बहुत से उद्यम स्थापित किए हैं, जिसमें से एक नया उद्यम स्थापित किया जा रहा है, मऊगंज जिले के हनुमना ब्लॉक में काजू प्रसंस्करण उद्यम स्थापित किया जा रहा है। तो अब उसमें काजू प्रसंस्करण किया जाएगा। और रीवा जिले में भी हमने उद्यम स्थापित किए हैं, इस बार भी वहां पर सभी उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं, सहायता प्रसंस्करण है, मसाला प्रसंस्करण है।
हल्दी की खेती करेगा रीवा
इस दौरान उन्होंने कहा यहां पर प्रधानमंत्री उद्यम योजना के तहत जो फसल चुनी गई है, वो हल्दी की फसल है, जिसमें हल्दी मसाला प्रसंस्करण किया जाता है, जिसमें से मसाला प्रसंस्करण है और हल्दी प्रसंस्करण फसल भी लगाई गई है। जिसका उद्देश्य है लोगों को जागरूक करना। यहां पर हमारा उद्देश्य ये है कि हमारे रीवा जिले की जलवायु ऐसी है कि यहां पर अलग-अलग तरह की आम की फसल उगाई जा सके। और रीवा जिले में भी आम की बहुत सी किस्में मिल सकती हैं और शुद्ध खाद उद्यम उन्नयन योजना का उद्देश्य ये है कि हम यहां पर छोटी-छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को अद्यतन और उन्नत कर सकें।
अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के लिए, जो लोग छोटे स्तर पर आटा चक्की और मसाला चक्की चलाते हैं, उनको हम मशीन खरीदने के लिए अनुदान दे सकते हैं ताकि वो अपना व्यापार बढ़ा सकें और पैकिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर सकें। सुंदरजा आम किस आम को दिया गया है? सुंदरजा आम को जीआई टैग मिला है। यह एक भौगोलिक संकेतक आम है। रीवा जिले की भौगोलिक परिस्थितियाँ और जलवायु वाले आम सिर्फ़ रीवा जिले में ही मिल सकते हैं, कहीं और नहीं मिल सकते। और बाकी चीजें भी ऐसी ही हैं। हमारे पास मल्लिका है, लंगड़ा है, दशहरी है, आम्रपाली है और जिसे हम रामकेला कहते हैं, वो भी है। एक रोमांटिक किस्म है जो सेब के आकार की किस्म है।