कर्ज में डूबा मध्यप्रदेश का बजट,राज्य के हर व्यक्ति पर अब 60,000 का कर्ज,पढ़िए इन पांच प्रदेशों का बोझ.!
कर्ज को लेकर पहले ही विपक्ष के निशाने पर राज्य की मोहन यादव सरकार के इस बजट ने साफ कर दिया कि सरकार को अपने वादे पूरे करने के लिए एक बार फिर से कर्ज का सहारा लेना पड़ेगा।;
MP News: मध्य प्रदेश का बजट 2025-26 अब तक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक बजट माना जा रहा है। इस बजट के साथ ही प्रदेश ने पश्चिम बंगाल और गुजरात को पीछे छोड़ते हुए देश के टॉप 5 सबसे बड़े बजट वाले राज्यों में अपनी जगह बना ली है। लेकिन इस बजट के साथ एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है—क्या यह बजट प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, या फिर राज्य को और अधिक कर्ज के बोझ तले दबा देगा?
कर्ज में डूबता मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश सरकार ने जो बजट पेश किया है, वह लगभग उतनी ही राशि का है जितना राज्य अब तक कर्ज के रूप में ले चुका है। मौजूदा समय में राज्य का कुल कर्ज 4.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले साल यह 3.61 लाख करोड़ रुपये था। अगले साल तक यह बढ़कर 4.99 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। इस बढ़ते कर्ज का असर सिर्फ सरकार पर ही नहीं, बल्कि प्रदेश के हर नागरिक पर पड़ेगा। अगर इसे प्रति व्यक्ति कर्ज के रूप में देखा जाए, तो प्रदेश के हर व्यक्ति पर लगभग 60,000 रुपये का कर्ज होगा।
कर्ज लेने की क्षमता बढ़ी
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 11.05% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे राज्य की कर्ज लेने की क्षमता भी बढ़ गई है। 2024-25 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (SGDP) 15.03 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि 2023-24 में यह 13.53 लाख करोड़ रुपये था। सरकार का दावा है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले इस आंकड़े को 30 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बढ़ता कर्ज: आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा?
सरकार भले ही कर्ज लेकर विकास कार्यों को गति देने का दावा कर रही हो, लेकिन लगातार बढ़ता कर्ज प्रदेश की आर्थिक स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। यदि इस वित्तीय बोझ को संभालने के लिए ठोस योजनाएं नहीं बनाई गईं, तो यह आने वाले वर्षों में राज्य के आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
मध्य प्रदेश का बजट निश्चित रूप से बड़ा और ऐतिहासिक है, लेकिन इसकी स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। बढ़ते कर्ज के कारण आने वाले वर्षों में सरकार के लिए वित्तीय संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अब यह देखने वाली बात होगी कि यह बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा या फिर बढ़ते कर्ज का बोझ जनता पर और भारी पड़ेगा।