कितनी है CM मोहन यादव की सैलरी, क्या-क्या दी गई सुविधा?
आप लोगों के मन में कभी-कभी ऐसे सवाल जरूर आते होंगे कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री की सैलरी कितनी? होती है. उन्हें किस तरह की सुविधा व्यवस्था दी जाती है
आप लोगों के मन में कभी-कभी ऐसे सवाल जरूर आते होंगे कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री की सैलरी कितनी? होती है. उन्हें किस तरह की सुविधा व्यवस्था दी जाती है।
हेलीकॉप्टर से लेकर लग्जरी कार सुरक्षा सीएम हाउस से लेकर मोबाइल बैलेंस भी सरकार उपलब्ध कराती है।
हालांकि अलग-अलग स्टेट में अलग-अलग नियम निर्धारित है। मुख्यमंत्री को सैलरी देने की जिम्मेदारी भारत के राष्ट्रपति और भारत सरकार के सचिव की होती है।
अगर आप मध्य प्रदेश के हैं और आप जानना चाहते हैं कि सीएम मोहन यादव की सैलरी कितनी? है उन्हें क्या कुछ खास व्यवस्था सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जाती है तो आईए जानते हैं.
सीएम मोहन यादव की कितनी है सैलरी?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की सैलरी भारत के राष्ट्रपति के द्वारा दी जाती है। 1 साल पहले ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा जानकारी दी गई थी कि उनकी सैलरी ₹200000 है।
इसी तरह सीएम मोहन यादव की भी सैलरी करीब ₹200000 महीने दी जाती है जो 1 तारीख को खाते में जमा हो जाती है।
क्या – क्या मिलती है सीएम को सुविधा
किसी राज्य के मुख्यमंत्री को सरकार की तरफ से सभी वीवीआईपी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जैसे सीएम हाउस आने जाने के लिए हेलीकॉप्टर
सुरक्षा की दृष्टि से हैवी वाहन, वाई प्लस सिक्योरिटी और ऑफिस, मोबाइल से लेकर टेलीफोन तक फ्री खाना बनाने वाले से लेकर कपड़े धोने पर्सनल असिस्टेंट से लेकर आईजी कमिश्नर सभी सीएम के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी स्वयं की होती है ना कि सरकार की
IAS – IPS रैंक के अधिकारी तैनात
किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के सचिव से लेकर मार्गदर्शक सभी आईएएस आईपीएस सीएस रैंक के अधिकारी 24 घंटे उपलब्ध होते हैं
एक मुख्यमंत्री को अगले दिन कहां जाना है क्या करना है सभी की बाकायदा लिस्ट तैयार कराई जाती है। प्रोटोकॉल के तहत सीएम जहां का दौरा करने वाले हैं वहां 24 घंटे पहले ही भारी सुरक्षा व्यवस्था और इंतजाम के लिए जिले के आईएएस आईपीएस अधिकारी तैनात रहते है।
मोहन यादव के बारे में जानकारी
आपको बता दें कि मोहन यादव को 41 साल की कड़ी मेहनत के बाद मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। मोहन यादव 2013 में पहली बार विधायक बने थे।
इसके बाद साल 2018 में एक बार फिर बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और उन्होंने इस भरोसे को सही साबित करते हुए एक बार फिर जीत हासिल की।
उज्जैन दक्षिण से विधायक रहे मोहन यादव को साल 2020 में मंत्री पद भी मिला। मोहन यादव एक ऐसे नेता हैं जिनकी गिनती मध्य प्रदेश के अमीर नेताओं में होती है। साल 2018 में भी मोहन यादव टॉप-3 अमीर नेताओं में दूसरे नंबर पर थे।
कितनी है सीएम मोहन यादव की संपत्ति
मोहन यादव द्वारा चुनाव से पहले दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके पूरे परिवार के पास 42 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। पिछले 5 सालों में संपत्ति में करीब 10 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
उन पर 9 करोड़ रुपये की देनदारी भी है। हलफनामे के अनुसार मोहन यादव के पास 1.41 लाख रुपये नकद हैं। उनकी पत्नी के पास 3.38 लाख रुपये नकद हैं। मोहन यादव की पत्नी के अलग-अलग बैंकों में खाते हैं।
अगर उन सभी खातों में मौजूद पैसों की बात करें तो उनके पास 28,68,044 रुपये हैं। मोहन यादव की कुल आय 19,85,200 रुपये है। उनकी पत्नी सीमा यादव की कुल आय 13,07,000 रुपये है।