Weather: MP में अगले 3 दिन बारिश ओलावृष्टि की चेतावनी, रीवा सीधी सतना सहित इन जिलों मौसम चक्रवात का असर
MP Weather News: मध्य प्रदेश में अगले 3 दिन मौसम बदल सकता है। रीवा सीधी से लेकर विभिन्न जिलों में तेज गति से हवाएं और ओलावृष्टि होने की संभावना बनी है।

मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन भारी होने वाले है। मौसम विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति करते हुए चेतावनी जारी की है। 20 मार्च से 23 मार्च तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में चक्रवाती मौसम का असर MP में देखने को मिलेगा। इस दौरान विभिन्न जिलों में 40 से 50 किलोमीटर की गति से तेज हवाएं चल सकती है। मौसम विभाग ने जानकारी दी कि, ओडिशा के मध्य क्षेत्र से दक्षिण विदर्भ तक दक्षिण छत्तीसगढ़ से होते हुए माध्य समुद्र तल से 0.9 किमी की ऊंचाई पर एक ट्रफ़ अवस्थित है।
इन वजहों से बदल रहा मध्य प्रदेश का मौसम
• पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में माध्य समुद्र तल से 5.8 और 7.6 किमी की ऊंचाई के मध्य अवस्थित है।
• चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
ओडिशा के मध्य भागों से दक्षिणी छत्तीसगढ़ होते हुए दक्षिणी विदर्भ तक औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर एक द्रोणिका रेखा बनी हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में अफगानिस्तान के ऊपर समुद्र तल से 5.8 और 7.6 किमी ऊपर स्थित है।
दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उसके आसपास एक ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है तथा यह समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।
20 मार्च को इन जिलों में अलर्ट
20.03.2025 की प्रातः 8:30 से 21.03.2025 की प्रातः 8:30 तक वैध जिले सिंगरौली सीधी, शहडोल, मंडता, बालाघाट जिलों में। रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, सिवनी पत्रा, दमोह, सागर, छतरपुर, मैहर जिलों में। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर नर्मदापुरम, बैतूत हरदा जिलों में। जमरिया जिहोरी, कटनी, जबलपुर जिलों में। येलो अलर्ट जारी है।
21.03.2025 की प्रातः 8:30 से 22.03.2025 की प्रातः 8:30 तक वैध जिले
सिंगरौली, सीधी शहडोल, सिवनी मंडला बताधार, जिलों में।नर्मदापुरम, बैतृत, हरदा, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, मैहर, विदिशा, रायसेन, सिहोर जिलों में। में। उमरिया, हिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर छिंदवाड़ा पांदूणों जिलों में। अलर्ट जारी इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे हवाएं चल सकती है।
22.03.2025 की प्रातः 8:30 से 23.03.2025 की प्रातः 8:30 तक वैध
सिंगरौली सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना अनुपपुर, शहडोल, मैहर जिलों में। मौसम की चेतावनी यहां मौसम सामान्य रह सकता है।
मौसम विभाग ने लोगों को दिए सुझाव
• घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
• पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें।
• कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
• इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
• जानवरों को खुले पानी, तालाब या नदी से दूर रखें। रात के समय पशु को खुले स्थान पर न रखें।
• पशुओं का विशेष ध्यान रखें, पशुओं को विशेष संरक्षित एवं सुरक्षित पशु शेड में रखें। सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित
इसके अलावा, दोपहर के समय खेत के जानवरों को खुली चराई की अनुमति न दें।
• भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम के पूर्वानुमान और अलर्ट पर नज़र रखें।
• आपातकालीन किट में आवश्यक वस्तुएं जैसे कि जल्दी खराब न होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें।
• परिवहन व्यवस्था सहित निकासी के तरीके के बारे में पहले से योजना बना लें
• वेक्टरजनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया से बचाव हेतु प्रशासन द्वारी जारी निर्देशों का पालन करें।
• ओलावृष्टि से बचने के लिए सुरक्षित आश्रय लें और खिड़कियों, कांच के दरवाजों और रोशनदानों से दूर रहें।
किसानों को लेकर मौसम विभाग का सुझाव
• कृषको को सलाह दी जाती है की 19 मार्च, 2025 से होने वाली वर्षा की गतिविधियों को देखते हुए वे खेतों में चल रही कटाई गतिविधियों को 3 दिनों के की गई फसलों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करें।
• यदि अभी तक खेत में खड़ी फसलों की कटाई की गतिविधियों शुरू नहीं हुई है तो उसे एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दें।
फसल के फूलने और बीज बनने के चरणों में ओलावृष्टि के कारण नुकसान हो सकता है (गेहूं, चना, सरसों)। जहाँ तक संभव हो, फसल की कटाई को ले
के लिए जाली या तार की बाड़ लगाएं, साथ ही खेत की जलनिकासी को बेहतर बनाएं और मिट्टी को स्थिर करने के लिए गल्व का उपयोग करें।
• फलदार फसलों (आम, पपीता, केला) में ओलावृष्टि और तेज हवाओं से फूल और छोटे फल गिर सकते हैं, साथ ही शाखाओं और पत्तियों को भी नुकसान का खतरा बढ़ सकता है।
• ओलावृष्टि के प्रभाव से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट्स या कृषि-जाल का उपयोग करें। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर बांध और उन्हें कवर किए गए शेडा