Rewa news रीवा में पारदर्शिता और अवैध खनन रोकने की राज्य सरकार की मंशा पर खनिज विभाग के अधिकारियों के रवैये ने पानी फेर दिया है। खनन माफिया को बढ़ावा देने और नियमों की अनदेखी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारियों पर अपनी जिम्मेदारियों से दूर निजी कार्यों में व्यस्त रहने का आरोप है।

रीवा संभाग में लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है। इसके बावजूद खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी न सिर्फ निष्क्रिय हैं, बल्कि कई मामलों में खनन माफिया को संरक्षण देने के आरोप भी लगे हैं। कई जगहों पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों का उल्लंघन हो रहा है।

रीवा संभाग के खनिज अधिकारी संजीव पांडे एक दशक से भी ज्यादा समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। सामान्य तबादला नीति के अनुसार किसी भी अधिकारी को इतने लंबे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं रहना चाहिए। इसके बावजूद संजीव पांडे राजनीतिक संरक्षण और ऊंचे संपर्कों के चलते अभी भी अपने पद पर जमे हुए हैं।

ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर सक्रियता

संजीव पांडे पर काम के दौरान इंस्टाग्राम अकाउंट पर रील बनाने और उसे महिला मित्रों के साथ शेयर करने का भी आरोप है। ड्यूटी के दौरान इस तरह की गतिविधियों पर स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने कड़ी नाराजगी जताई है। काम के दौरान इस तरह की व्यक्तिगत हरकतों को अनुशासनहीनता और ड्यूटी के प्रति लापरवाही के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

सामाजिक कार्यकर्ता बी.के. माला ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अफसरों की इन हरकतों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह प्रशासनिक तंत्र की विफलता को दर्शाता है। उनका कहना है कि अगर उच्च अधिकारी इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाते हैं तो इससे न सिर्फ विभाग की छवि खराब होती है बल्कि सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठते हैं।

रील बनाना निजी अधिकार या ड्यूटी की अनदेखी

रील बनाना किसी भी व्यक्ति का निजी अधिकार हो सकता है, लेकिन काम के दौरान, खासकर प्रशासनिक पद पर रहते हुए इसका इस्तेमाल करना गलत माना जाता है। अगर अधिकारी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना चाहता है तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह गतिविधि ड्यूटी के बाद ही की जाए।

जिम्मेदार अफसरों का तबादला किया जाना चाहिए। लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों का तबादला किया जाना चाहिए। रीवा जैसे शहर में प्रशासनिक अधिकारियों से समाज को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने की अपेक्षा की जाती है। यदि सोशल मीडिया का उपयोग सामाजिक जागरूकता फैलाने और सकारात्मक संदेश देने के लिए किया जाए तो यह बेहतर साधन बन सकता है। लेकिन, व्यक्तिगत लोकप्रियता के लिए कार्य अवधि में ऐसी गतिविधियों में लिप्त होना न केवल अनुचित है बल्कि गैरजिम्मेदाराना भी है। रीवा संभाग में खनिज विभाग की कार्यशैली और अधिकारियों की जिम्मेदारी को लेकर प्रशासन को गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। इन समस्याओं का समाधान सामाजिक जागरूकता और पारदर्शिता से ही संभव है।