Madhya Pradesh news today: एमपी अजब - गजब में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बीते कुछ दिन पहले देश कि ऊर्जाधानी सिंगरौली में नहर चौधरी का अनोखा मामला देखने को मिला था। अब इस जिले में एक बार फिर नाली चोरी हो गई है. जिसकी शिकायत आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में की गई है.

नगर निगम आयुक्त के द्वारा इस चोरी की शिकायत EOW के अधीक्षक से की है, घटना सामने आने के बाद इसे हर कोई अजब गजब समझ रहा है।

18 लाख रुपए हुए गायब

सिंगरौली जिले के नगर निगम वार्ड क्रमांक 36 जयनगर में एक सड़क के किनारे बनी नाली का निर्माण कागजों तक ही रह गया जबकि इसके बदले नगर निगम ने ठेकेदार को पूरे 18 लाख 72000 दिए। जिसे कागजी कार्यवाही में लगभग 1635000 थी. इस भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब इसकी जानकारी वहां रह रहे स्थानीय लोगों को हुई। तब उनको पता चला कि उनके घर के सामने एक नाली स्वीकृत हुई है जबकि वास्तविक स्थान पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है। स्वीकृत योजना के मुताबिक 400 मीटर लंबी नाली केवल कागजों में ही बनाई गई

नगर निगम आयुक्त सभी मिलकर खिंचवाई फोटो

इस पूरे भ्रष्टाचार की शुरुआत 4 अगस्त साल 2023 को की गई थी। जब एक नाली निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की गई जिसे महाकाल ब्रदर्स जयनगर नामक एक कंपनी ने बनाने का ठीका लिया था। जिसके बाद एक कनिष्ठ अभियंता ने कथित कार्य का मूल्यांकन माप पुस्तिका में दर्ज किया। निगम के कर्मचारियों के द्वारा उस स्थान की तस्वीर भी खिंचवाई गई इस पूरी कागजी प्रक्रिया के बाद 4 मार्च 2024 को ठेकेदार को पूरी भुगतान राशि जारी की गई

दोषी के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा

इस मामले की गंभीरता को समझते हुए नगर निगम आयुक्त डीके शर्मा ने उस स्थान का निरीक्षण किया। उन्होंने पुष्टि की कि मौके पर किसी नाली निर्माण कार्य को नहीं पाया गया है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए फिलहाल आयुक्त ने इस मामले की शिकायत EOW में की है.

कागजी नाली का कब हुआ खुलासा

यह अजब गजब मामला इसलिए है कि अक्सर चोरी के मामले घर, दुकानों, कारखाने ,गाड़ियों तक सीमित रहती है। लेकिन सिंगरौली में तो यह पूरी की पूरी नाली ही कागजों से गायब हो गई, इस घटना से हर कोई हैरान हो गया है।

वही ,स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर काफी नाराजगी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर लग गए हैं यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा कि नगर निगम प्रशासन इस बड़े गंभीर मामले में क्या फैसला करता है और कब तक इस कागजी नाली का सच सामने आएगा.