राज्य के इन 6 जिलों में बनेगा नया एयरपोर्ट, सरकार ने दी अरबों कि सौगात, जानिए कब से शुरू होगा विकास कार्य
बिहार राज्य में सरकार के द्वारा बड़ी सौगात दी गई है अब यहां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बाद अब 6 जिलों में घरेलू हवाई अड्डे बनाए जाएंगे जिसको लेकर सरकार ने अरबो रुपए का पैकेज बनाया है।

बिहार में छह नए एयरपोर्ट बनेंगे। जानिए किन जिलों को मिलेगी किस्मत। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की दो विशेष टीमों के दौरे से हो रही है। ये टीमें 22 मई से 27 मई 2025 तक इन छह जगहों का दौरा कर व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करेंगी। इसका मतलब है कि इन इलाकों की भौगोलिक स्थिति, जमीन की उपलब्धता, पर्यावरणीय प्रभाव और तकनीकी व्यवहार्यता की जांच की जाएगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही आगे का निर्माण कार्य शुरू होगा। फिलहाल बिहार में पटना, गया और दरभंगा जैसे तीन बड़े एयरपोर्ट हैं। लेकिन यह भी सच है कि अब तक राज्य के कई सुदूर और पिछड़े इलाकों में हवाई संपर्क नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा और बीरपुर जैसे जिलों में एयरपोर्ट बनाना ऐतिहासिक पहल होगी।
मधुबनी, जहां की मिथिला पेंटिंग और सांस्कृतिक विरासत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, यहां हवाई सेवा शुरू होने से काफी बढ़ावा मिलेगा। वहां एयरपोर्ट बनने से व्यापारियों के लिए देशभर के शहरों से जुड़ना आसान हो जाएगा और औद्योगिक निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों के लिए मशहूर वाल्मीकि नगर वहां हवाई सुविधा मिलने से देशभर के पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थल बन सकता है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई जान मिल सकती है।
बाढ़ और पिछड़ेपन के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले सहरसा और बीरपुर की बात करें तो वे अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकते हैं। इन इलाकों में एयरपोर्ट बनने से वहां के युवाओं को रोजगार और नए अवसर मिलेंगे। मुंगेर जो ऐतिहासिक रूप से काफी समृद्ध रहा है और औद्योगिक महत्व भी रखता है, वहां एयरपोर्ट बनना निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। उद्योगों के साथ-साथ पर्यटक भी मुंगेर की ऐतिहासिक धरोहरों की ओर आकर्षित होंगे।
अब इस पूरी परियोजना के तहत न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। एयरपोर्ट निर्माण, संचालन, परिवहन, होटल, सेवा क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों में हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। एएआई की टीम इन सभी जगहों पर तकनीकी और पर्यावरणीय आकलन भी करेगी। खास बात ये है कि एयरपोर्ट्स को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की भी योजना है. सौर ऊर्जा, वर्षा, जल संचयन और ग्रीन तकनीक का इस्तेमाल कर ये एयरपोर्ट न सिर्फ तकनीकी रूप से मजबूत होंगे बल्कि पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदार होंगे.
अब ये साफ है कि ये छह नए एयरपोर्ट न सिर्फ उड़ान की सुविधा देंगे बल्कि पूरे बिहार को सामाजिक और आर्थिक रूप से नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे. ये कदम बिहार के विकास की नई उड़ान है और ऐसी उड़ान है जो हर वर्ग, हर जिले और हर नागरिक को जोड़ेगी. तो तैयार हो जाइए बिहार क्योंकि अब आपके शहरों से देश और दुनिया के लिए सीधी उड़ानें होंगी. ये सिर्फ एयरपोर्ट नहीं बल्कि आपके सपनों की उड़ान का रनवे बनने जा रहा है.