भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम लागू है। जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में हालात शांतिपूर्ण हैं। टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका और चीन व्यापार समझौते पर राजी हो गए हैं। इन सबका असर सोने की कीमतों पर पड़ा है। सोने की आसमान छूती कीमतें जमीन पर आ गई हैं। सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार, 12 मई 2025 को सोने की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। जबकि चांदी की कीमतों में मामूली तेजी देखने को मिली है। यह बदलाव वैश्विक और घरेलू दोनों बाजारों में देखने को मिला है।

सोने की कीमत में कितनी गिरावट आई है?

सोना कितना सस्ता हुआ है? क्या सोने की कीमतों में और गिरावट आने वाली है? सभी सवालों के जवाब आपको इस दिए जाएंगे. सबसे पहले जानते हैं कि सोने और चांदी की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव क्यों आया? और इसका आप पर क्या असर हो सकता है? सोने की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर तनाव में कमी आना है। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील से कारोबारी जगत को बड़ी राहत मिली है। ट्रेड वॉर और टैरिफ वॉर के बादल छंट गए हैं। इसके अलावा रूस ने युद्ध विराम का प्रस्ताव दिया है और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ है। इन भू-राजनीतिक घटनाओं ने सोने की मांग को कम कर दिया है क्योंकि सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है जिसकी मांग तनाव के समय बढ़ जाती है। जब तनाव कम होता है, तो सोने की कीमतें कम हो जाती हैं और यही हम आज देख रहे हैं।

सोना कितना सस्ता हुआ?

चलिए अब बात करते हैं घरेलू बाजार की। सोमवार सुबह मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी MCX पर सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 5 जून 2025 को डिलीवरी वाला सोना 2.55% यानी ₹2458 की गिरावट के साथ 94,060 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, 5 अगस्त 2025 को डिलीवरी वाला सोना 2.49% यानी ₹2422 की गिरावट के साथ ₹94771 प्रति 10 ग्राम पर था। कॉमेक्स पर सोने का वैश्विक भाव 1.75 फीसदी यानी करीब 1.50 डॉलर की गिरावट के साथ 3284.20 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।

क्यों सस्ता हुआ सोना

इसके अलावा सोने का वैश्विक हाजिर भाव 46.30 डॉलर यानी 0.40 फीसदी की गिरावट के साथ 3278.68 डॉलर प्रति औंस पर था। यह गिरावट दर्शाती है कि वैश्विक स्तर पर भी सोने की मांग में कमी आई है क्योंकि निवेशक अब दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं। जहां सोने के भाव में गिरावट आई है, वहीं बाजार में चांदी में मामूली तेजी दिखी है। कॉमिक्स पर चांदी का वायदा भाव 0.38 फीसदी यानी 0.13 डॉलर की तेजी के साथ 33.4 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।

वहीं, चांदी का वैश्विक हाजिर भाव 0.42 फीसदी यानी 0.4 डॉलर की तेजी के साथ 32.86 डॉलर प्रति औंस पर था। चांदी की कीमतों में यह तेजी औद्योगिक मांग बाजार के सकारात्मक सेंटिमेंट के कारण हो सकती है क्योंकि चांदी का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होता है।

इस गिरावट का क्या मतलब है?

अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह समय खरीदारी के लिए अच्छा हो सकता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। इसलिए निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें। सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव सामान्य बात है। लेकिन वैश्विक स्तर पर शांति और आर्थिक स्थिरता बढ़ने से सोने की मांग में कमी आई है। सोने की कीमतों में गिरावट के बारे में आप क्या सोचते हैं? कमेंट करके जरूर बताएं।