MP Weather: मध्य प्रदेश के इस जिले में पड़ रही सबसे ज्यादा ठंड, मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिन कुछ होने की जताई है शंका
MP Weather: मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। लोगों ने रजाई, कंबल, स्वेटर और शॉल ओढ़ना शुरू कर दिया है। इस बीच आपको बता दें कि मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है जिसके मुताबिक आने वाले दो से तीन दिनों में मध्य प्रदेश के लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन इस राहत को सुनकर खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि दो से तीन दिनों के बाद सर्दी लौट आएगी और इस बार जब सर्दी लौटेगी तो कड़ाके की ठंड पड़ेगी।
तापमान माइनस में जाने का पूर्वानुमान भी मौसम विभाग ने जारी किया है। चलिए बात करते हैं मौजूदा हालात की। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में पचमढ़ी सबसे ठंडा इलाका रहा है। मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में रात में 5 से 6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है। भोपाल संभाग हो, ग्वालियर चंबल हो या फिर रीवा और महाकौशल क्षेत्र सभी जगह ठंड का असर देखने को मिल रहा है। इसके अलावा आपको बता दें कि मौसम विभाग का अनुमान है कि मध्य प्रदेश में दो से तीन दिन तक लोगों को गिरते तापमान से थोड़ी राहत मिलेगी और तापमान में बढ़ोतरी होगी,
लेकिन दिसंबर का महीना शुरू होते ही एक बार फिर मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर जारी रहेगा. माना जा रहा है कि इस बार क्योंकि मध्य प्रदेश में मानसून 100 फीसदी से ज्यादा रहा और मानसून की वापसी भी देरी से हुई, इसका असर एमपी में सर्दी के मौसम में देखने को मिलेगा और दिसंबर से एक बार फिर मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाएगा.
वहीं मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अब प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रशासन की ओर से चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था भी की जा रही है. इसलिए सर्दी में अपना ख्याल रखें. बढ़े हुए तापमान को देखते हुए जितना हो सके शॉल और स्वेटर साथ लेकर घर से निकलें
नवंबर में सबसे पुरानी ठंड की परंपरा MP weather
पिछले 10 साल के आंकड़े पर नजर डाले तो 6 डिग्री तक पारा पहुंचा है। 54 साल पहले साल 1970 में तापमान 3 डिग्री तक पहुंच गया था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है।
2 नवम्बर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुँच गया जबकि यह सामान्यतः 33 से 35 डिग्री तक पहुँच गया। इस महीने में बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार चुकाया गया ऐसा ही मौसम।