"जाको राखे साइयां मार सके ना कोई " कहते हैं जब आपका समय पूरा नहीं होता तो उससे पहले आपको यमराज भी छू नहीं सकते। इस कहावत का एक ऐसा ही सटीक उदाहरण महाराष्ट्र के कोल्हापुर से देखने को मिला है। जहां एक 65 वर्षी बुजुर्ग को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था लेकिन अगले ही पल घर ले जाते वक्त बुजुर्ग जीवित हो उठा। यह मामला देख आसपास के लोग हैरान रह गए और सभी ऊपर वाले का करम मान रहे हैं. हालांकि यह मामला कुछ महीने पहले देखने को मिला था।

65 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी मौत

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक 65 वर्षी बुजुर्ग को दिल का दौरा पड़ा था। आनन - फानन में परिजनों के द्वारा उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने जांच की एवं बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। यह खबर लगते ही परिवार और रिश्तेदारों में मातम पसर गया। परिवार एवं रिश्तेदार के लोग बुजुर्ग के अंतिम क्रिया की तैयारी कर रहे थे तभी एंबुलेंस की सहायता से बुजुर्ग के शव को घर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन घर पहुंचते ही जो हुआ वह काफी हैरानी भरा था

सड़क में ब्रेकर बुजुर्ग हुआ जीवित

एंबुलेंस की सहायता से 65 वर्षी बुजुर्ग का शव घर लाने की तैयारी की जा रही थी। परिजन और रिश्तेदार शव को एंबुलेंस में लादकर शहर के रास्ते घर ला रहे थे। तभी एक ऐसी घटना घट गई जिसे जानने के बाद हर कोई हैरान हो गया। दरअसल, सड़क में ब्रेकर और गड्ढे थे एंबुलेंस के पहिए इन्हीं ब्रेकर में जंप किए जिसके बाद बुजुर्ग को CPR का डोज मिल गया। घर पहुंचते ही एंबुलेंस का गेट ओपन किया तो बुजुर्ग स्टेचर पर बैठा हुआ था। परिजनों और रिश्तेदारों को इस एंबुलेंस से फिर अस्पताल ले जाया गया।

चमत्कार जान हर कोई हो गया हैरान

जिन डॉक्टरों ने बुजुर्ग को मृत घोषित किया था जब वही डॉक्टर बुजुर्ग को जीवित देखे तो वह भी हैरान हो गए, आसपास के लोग परिजन तक सभी इस घटना को ऊपर वाले का चमत्कार मान रहे हैं। वहीं डॉक्टरों का ऐसा कहना है कि बुजुर्ग को दिल का दौरा पड़ा था। हो सकता है कि घर ले जाते वक्त शरीर में झटका लगा हो जिस कारण हृदय की गति फिर से शुरू हो गई, फिलहाल बुजुर्ग को जीवित देख हर कोई हैरान है। और इस घटना को चमत्कार मान रहे है.