Success story: UPPSC परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है, जिसमें सफलता पाने के लिए न केवल बुद्धिमत्ता, बल्कि धैर्य, आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम की भी जरूरत होती है। इस परीक्षा को पास करने में कई उम्मीदवार सालों लगा देते हैं, फिर भी सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। लेकिन जो हार नहीं मानते, वही इतिहास रचते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है आईपीएस अधिकारी आशना चौधरी की, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद हार नहीं मानी और अपने दृढ़ संकल्प के दम पर आईपीएस बनने का सपना साकार किया। Success story

Success story एक छोटे शहर से बड़े सपनों तक का सफर

आशना चौधरी का जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुआ नामक छोटे से कस्बे में हुआ था। साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, उन्होंने बचपन से ही बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। उनके शैक्षिक सफर की शुरुआत बेहद शानदार रही। उन्होंने 12वीं कक्षा में 96.5% अंक हासिल किए और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स किया और साथ ही एक NGO के साथ काम किया, जो वंचित बच्चों की शिक्षा में योगदान देता था।

Success story पहले दो प्रयास असफल, लेकिन हिम्मत नहीं हारी

आशना ने 2019 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पहले दो प्रयासों में असफल रहीं। लेकिन उन्होंने इसे हार नहीं माना, बल्कि अपनी गलतियों से सीखा और रणनीति में बदलाव किया। उन्होंने अपनी तैयारी का विश्लेषण किया, सही अध्ययन सामग्री चुनी, मॉक टेस्ट दिए, और लगातार खुद को सुधारती रहीं।

तीसरे प्रयास में मिली सफलता, IAS छोड़ IPS को चुना

अंततः, 2022 में अपने तीसरे प्रयास में आशना ने यूपीएससी परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक 116 हासिल की। यह उनके लिए एक गर्व का क्षण था। दिलचस्प बात यह रही कि अच्छी रैंक आने के बावजूद, उन्होंने आईएएस के बजाय आईपीएस को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह सफलता बिना कोचिंग के, सिर्फ आत्म-अध्ययन और सही रणनीति के दम पर हासिल की। Success story

सोशल मीडिया पर भी एक प्रेरणा स्रोत

आज आशना चौधरी सिर्फ एक आईपीएस अधिकारी ही नहीं, बल्कि युवा aspirants के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। वह इंस्टाग्राम पर 2.75 लाख से अधिक फॉलोअर्स के साथ अपने अनुभव और मार्गदर्शन साझा करती हैं। वह हमेशा युवाओं को यह संदेश देती हैं कि "असफलता अंत नहीं है, यह सफलता की ओर बढ़ने का एक कदम है। Success story

सीख जो हर यूपीएससी उम्मीदवार को अपनानी चाहिए

असफलता से डरें नहीं, बल्कि उससे सीखें।

खुद पर भरोसा रखें और मेहनत जारी रखें।

कोचिंग जरूरी नहीं, सही रणनीति और आत्म-अध्ययन भी सफलता दिला सकता है।

सही प्राथमिकताएं तय करें और अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करें।

आशना चौधरी की यह कहानी हर उस उम्मीदवार के लिए प्रेरणादायक है जो संघर्ष कर रहा है, असफलताओं से जूझ रहा है, लेकिन हार नहीं मानना चाहता। उनके अनुभव बताते हैं कि अगर संकल्प मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।