राजनीति

एक चरवाह की वजह से शिवराज सिंह चौहान की राजनीति सफर कैसे? 

सवाल था कि शिवराज सिंह चौहान का जीवन और मकसद राजनीति की तरफ कैसे हुआ। जिस पर शिवराज ने बड़ा ही मजेदार जवाब देते हुए कक्षा 7 से शुरू हुई एक घटना का जिक्र किया उन्होंने बताया कि कैसे एक चरवाह के हालात ने शिवराज को अंदर से हिला दिया था।

दरअसल 1 साल पहले शिवराज सिंह चौहान का यूट्यूब के फेमस पॉडकास्टर राज शामनी ने इंटरव्यू क्या जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने अपने जीवन के कई अहम पलों को याद कर मजेदार किस्सो को साझा किया

उन्होंने बताया कि कैसे एक चरवाह के हालात ने शिवराज को अंदर से झकझोर दिया था। और वह अपने घर वालों के खिलाफ ही आंदोलन शुरू कर दिए थे

हालांकि इसके वजह से उन्हें अपने चाचा से मार भी खानी पड़ी थी और फिर घर वालों ने उन्हें भोपाल पढ़ने के लिए भेज दिया था।

17 साल की उम्र में शिवराज सिंह चौहान 9 महीने जेल में भी थे। यहीं से राजनीतिक जीवन का सफर शुरू हुआ पिता चाहते थे कि शिवराज डॉक्टर बने लेकिन देश में लगे आपातकालीन स्थिति में शिवराज को नया मकसद मिला और वह आज देश के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री हैं।

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चरवाह बुद्धा के हालात ने शिवराज को दी दिशा – Shivraj Singh Chouhan Story

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बचपन के किस्सों को बताते हुए कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन अपने आसपास हो रही घटनाओं से ही शुरू हुआ।

उन्होंने बताया कि मेरे यहां एक चरवाह हुआ करता था जिसका नाम’ बुद्धा ‘ था जो पुरे दिन मेहनत करता तब उसे ढाई पाई अनाज मिलता

एक दिन सुबह वो घर आया और मैं अपने दादी के साथ सो रहा था। उस समय मेरी उम्र करीब 15 साल की रही होगी। तब वही चरवाह बुद्धा थोड़ा लेट आया तो मेरे चाचा जी ने उसको खूब डांटा और जिस तरह शब्दो का उपयोग किया तो मेरी आत्मा को कष्ट पहुंचा।

आगे बताया कि ये तो अन्याय है तू देर से आया तो गाली सुन और मैं रजाई में सोऊ बस यही बात मुझे झकझोर दी

25 मजदूरों के साथ शिवराज सिंह चौहान का पहला आंदोलन

इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मैं भोपाल से 7वीं पास कर अपने गांव आया। क्योंकि मुझे मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय को एक मकसद देना था।

उन्होंने कहा कि गांव में एक मंदिर के पास करीब 20 से 25 मजदूर इकट्ठे हुए सभी को मैंने कहा कि यह ढाई पाई की मजदूरी बहुत कम है।

शिवराज सिंह चौहान की 35 साल पुरानी तस्वीर

कम से कम 5 पाई तो होनी चाहिए, जिसपर मजदूरों ने सवाल करते हुए कहा कि यह कैसे होगा तब शिवराज ने बताया कि पहले गांव में लाइट नहीं हुआ करती थी।

लेकिन लैंप होते थे। वही मजदूरों के सिर पर रखा और नारे लगाते हुए, ढाई पाई नहीं लेंगे 5 पाई लेंगे नहीं तो काम बंद कर देंगे। का जुलूस निकाला

लाठी से शिवराज सिंह चौहान को पड़ी मार

उन्होंने बताया कि जैसे ही जुलूस मेरे घर के पास पहुंचा तो मेरे चाचा जी घर से लाठी लेकर निकले और बोले आओ मेरे पास तो मै देता हूं पांच पाई मजदूरी

जिसके बाद सभी मजदूर भाग गए और मैं पकड़ा गया इसके बाद मेरी ऐसी पिटाई हुई कि मुझे गांव से पकड़ कर फिर भोपाल भेज दिया गया।

उन्होंने बताया कि यह एक तड़प थी जो 50 साल पहले मेरे सीने में जगी थी बस यही से राजनीति जीवन शुरू किया।

17 साल की उम्र में 9 महीने जेल में रहे शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने आगे बताया कि जब देश में इमरजेंसी लागू थी तब मैं 17 साल की उम्र में 9 महीने जेल में रहा।

जेल में ही मैं स्वामी विवेकानंद गीता जी जैसी कई महान पुस्तक पढ़ी। इसके बाद मेरा राजनीतिक सफर शुरू हो गया 1990 में मैं पहली बार विधायक बना।

जिसके बाद 12 नवंबर 2005 को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और वह लगातार 20 साल मध्य प्रदेश के सीएम रहे और अब केंद्र की बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे.

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