दहल उठी सीधी घट गई बड़ी घटना, मुख्यमंत्री से लेकर जनता तक जताया दुख, जाने पूरा मामला – sidhi News

Sidhi News: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद हुए मध्य प्रदेश के सीधी जिले के इंजीनियर अनिल शुक्ला (45) का मंगलवार को उनके पैतृक गांव डिठौरा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बेटे ओम शुक्ला ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इंजीनियर को अश्रुपूर्ण विदाई दी गई। इस दौरान पूरा सीधी दहल गया सीएम मोहन यादव से लेकर जनता तक इस घटना में शोक व्यक्त किए है।

इससे पहले मंगलवार को इंजीनियर अनिल शुक्ला का पार्थिव शरीर उनके गांव डिठौरा लाया गया। पार्थिव शरीर को देखते ही उनकी पत्नी और बेटी समेत परिवार के लोग रोने लगे। बेटी और पत्नी पार्थिव शरीर से लिपट गईं। लोगों ने उन्हें सांत्वना दी।

रविवार 20 अक्टूबर की रात जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें मध्य प्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले इंजीनियर अनिल शुक्ला (45) भी शामिल थे। वे जेपी फैक्ट्री में सिविल इंजीनियर थे। इन दिनों वे जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनाने का काम करवा रहे थे।

इंजीनियर का पार्थिव शरीर एयर एंबुलेंस से लाया गया। अनिल का भाई सोमवार को मुंबई से पार्थिव शरीर लेने जम्मू-कश्मीर गया था। यहां से कंपनी की एयर एंबुलेंस की मदद से पार्थिव शरीर को बनारस लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से दोपहर करीब ढाई बजे शव को रामपुर नैकिन क्षेत्र के डिठौरा गांव लाया गया। इस मौके पर सांसद डॉ. राजेश मिश्रा और भाजपा नेता भी इंजीनियर को अंतिम विदाई देने पहुंचे। गांव में सोन नदी के तट पर खैराघाट पर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अंतिम संस्कार किया गया। शव पहुंचते ही परिवार के लोग बिलख पड़े। इससे पहले शव गांव पहुंचते ही पत्नी ममता शुक्ला और बेटी आकांक्षा शुक्ला बिलख पड़ीं। वे शव से लिपट गईं। पत्नी बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इधर, पिता विश्वनाथ शुक्ला भी बेटे का शव देखकर बिलख पड़े।

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शहीद का दर्जा दिया जाए – Sidhi News

परिजनों का कहना है कि इंजीनियर केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम कर रहे थे। इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई। अनिल के चाचा अमृतांशु ने कहा कि छोटे से गांव से आकर इतने बड़े प्रोजेक्ट पर काम करना बड़ी बात है। वह देश के लिए भी काम कर रहे थे, इसलिए अनिल शुक्ला को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जानी चाहिए।

कोयला खदान से रिटायर हुए पिता

अनिल के पिता विश्वनाथ शुक्ला छत्तीसगढ़ कोरिया स्थित कोयला खदान में काम करते थे। वर्ष 2001 में वह रिटायर हुए, तब से वह डिठौरा थाना क्षेत्र के रामपुर नैकिन में रह रहे हैं।

मप्र के इंजीनियर की भी आतंकी हमले में मौत

मध्य प्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले इंजीनियर अनिल शुक्ला (45) की भी जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल में हुए आतंकी हमले में मौत हो गई। वह जेपी फैक्ट्री में सिविल इंजीनियर थे। इन दिनों वह जम्मू-कश्मीर में सुरंग बनाने का काम करवा रहे थे। रविवार देर रात आतंकियों ने वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसमें अनिल शुक्ला समेत 7 लोगों की मौत हो गई। पूरी खबर पढ़े

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