रीवा सैनिक स्कूल: जहाँ से निकलते हैं देश के वीर और नेतृत्व के प्रतीक
रीवा स्थित सैनिक स्कूल न केवल मध्यप्रदेश का इकलौता सैनिक स्कूल है, बल्कि इसने देश को थल सेना प्रमुख और अनेक राष्ट्रीय स्तर की हस्तियां भी दी हैं।

मध्यप्रदेश का रीवा जिला शिक्षा, संस्कृति और इतिहास के क्षेत्र में विशेष पहचान रखता है। इसी शहर में स्थित है राज्य का इकलौता सैनिक स्कूल – सैनिक स्कूल रीवा, जिसकी स्थापना 1962 में हुई थी। यह विद्यालय न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इसने अब तक हजारों छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता की ओर अग्रसर किया है।
सैनिक स्कूल रीवा, भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित 33 सैनिक स्कूलों में से एक है, जिसकी स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के छात्रों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और अन्य सैन्य सेवाओं के लिए तैयार करना था। इसकी नींव महाराजा गुलाब सिंह स्टेडियम के पास रखी गई थी और तब से यह संस्थान शिक्षा और अनुशासन का पर्याय बन चुका है।
इस विद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है कि यहाँ से पढ़े छात्र जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, भारत के 28वें थल सेना प्रमुख, जिन्होंने 2019 से 2022 तक इस पद को सुशोभित किया। उनका छात्र जीवन यहीं से प्रारंभ हुआ था, जहाँ उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व और देशभक्ति के गुण सीखे।
यह विद्यालय केवल सैन्य सेवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि प्रशासन, विज्ञान, शिक्षा, खेल और कला के क्षेत्र में भी देश को कई बड़ी हस्तियां दे चुका है। इस स्कूल से निकले छात्रों ने UPSC, IIT, NEET जैसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त कर देश और संस्थान का नाम रोशन किया है।
सैनिक स्कूल रीवा की विशेषताएं
आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर
अनुभवी और प्रशिक्षित शिक्षक
अनुशासन पर आधारित शिक्षा प्रणाली
खेल, NCC और सांस्कृतिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान
NDA और SSB की तैयारी के लिए विशेष मार्गदर्शन
विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ कैडेट्स को मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से भी तैयार किया जाता है, जिससे वे न केवल अच्छे सैनिक, बल्कि जिम्मेदार नागरिक भी बन सकें। यहां का दैनिक जीवन सैनिक अनुशासन से परिपूर्ण होता है – सुबह की पीटी, समयबद्ध कक्षाएं, नियमित परेड और खेलों की दिनचर्या छात्रों को एक संतुलित जीवन जीना सिखाती है।
स्थानीय और राष्ट्रीय पहचान
रीवा सैनिक स्कूल ने स्थानीय युवाओं में आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना को प्रबल किया है। यह विद्यालय प्रदेश के दूर-दराज़ अंचलों से आए छात्रों के लिए एक सपना और अवसर दोनों है। इसकी उपलब्धियों ने मध्यप्रदेश को एक नई पहचान दी है और यह पूरे देश में सम्मान के साथ देखा जाता है।
निष्कर्ष और सार
सैनिक स्कूल रीवा केवल एक विद्यालय नहीं, बल्कि एक संस्थान है जो चरित्र निर्माण, अनुशासन और राष्ट्रसेवा के मूल्यों को संजोए हुए है। मध्यप्रदेश को इस गौरवशाली संस्था पर गर्व है, जिसने देश को नायक दिए हैं – वे नायक जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और वे भी जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व करते हैं।