Rewa News: पशुओं को चारा तो बकरियों को पानी दे रही रीवा पुलिस, एक गांव जो रातोंरात हुआ सुनसान, जानिए मामला
Rewa News today Live: आईजी साकेत प्रसाद पांडे ने लोगों से अपील की है कि गांव से बाहर लोग अपने-अपने घर वापस आ जाए पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए तैनात है ना कि उनको पकड़ने के लिए

रीवा संभाग का मऊगंज जो पूर्व में अपनी खासियत को लेकर जाना जाता था, लेकिन 15 मार्च की वह काली रात जिसने इस नए जिले को बदनाम कर दिया। दरअसल ,कुछ आदिवासियों ने यहां एक सनी द्विवेदी नाम के युवक को बंधक बना लिया और उसकी हत्या कर दी। जब पुलिस बंधक युवक को छुड़ाने पहुंची तो आदिवासियों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया जिसमें एक एएसआई रामचरण गौतम की मृत्यु हो गई, इस हिंसा को हुए 10 दिन हो गए अभी तक यह गांव पूरी तरह से सुनसान है। आईजी और पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि लोग अपने अपने घर वापस आ जाए पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है। पकड़ने के लिए नहीं
आईजी ने की लोगो से अपील
मऊगंज के गडरा गांव में 15 मार्च को हिंसा के बाद माहौल गरमाया हुआ है। गांव के लोग पुलिस से भाग रहे हैं। जबकि पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि हम उनकी सुरक्षा के लिए है। हालांकि धीरे - धीरे लोग गांव वापस आ रहे है। इस दौरान आईजी साकेत प्रसाद पांडे ने अपील की और कहा
ग्रामीणों को लग रहा है कि पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए गांव में मौजूद है, जबकि ऐसा नहीं है। पुलिस फोर्स तो सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात है। पकड़ा तो सिर्फ अपराधियों को जाएगा, निर्दोषों को डरने की जरूरत नहीं है। गांव वालों, वापस लौट आओ।
गांव की गलियों में सन्नाटा, घरों में ताले
इस हिंसा को बीते 10 दिन हो रहे हैं ऐसे में अभी भी गांव की गलियां शांत है। घरों में ताले लटक रहे हैं इस गांव की आबादी 475 है। 400 लोग इतनी डर गए हैं कि वह गांव छोड़कर इधर-उधर पलायन कर चुके हैं। एससी 40%, एसटी 30%, सामान्य 15% जाति गांव में निवास करती है। लेकिन 85% लोग गांव छोड़कर भाग गए है। हंसता खेलता गांव पूरी तरह से सुनसान हो गया है।
मवेशियों को चारा पानी करा रहे पुलिसकर्मी
हिंसा के 10 दिन बीत जाने के बाद गांव में पशुओं को चारा पानी देने वाला कोई नहीं है। खूंटे में बंधे पशु दाने पानी के मोहताज हो गए है। ऐसे में पुलिस ने बेड़ा उठाया और गांव की हिफाजत के साथ - साथ मवेशियों की सेवा भी कर रहे, पुलिसकर्मी कैमरे के पीछे बताते है कि यह तो हमारा प्रतिदिन के काम के जैसा हो गया है। और हमसे देखा भी नहीं जाता कि पशु खूंटे में बंधे बंधे पानी के लिए तरसे
गडरा हिंसा में अब तक क्या अपडेट है.
गडरा कांड में मुख्य आरोपी की बहन समेत आठ आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। प्रयागराज से गिरफ्तार मां को पूछताछ के लिए लाया जा रहा है।
मऊगंज गडरा में एक दिन पहले पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इनमें मुख्य आरोपी की बहन और अन्य आरोपी शामिल हैं। मां को भी पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार किया है, जिसे पूछताछ के लिए मऊगंज लाया जा रहा है।
साहपुर थाने के गड़रा गांव में हुई घटना के छह आरोपियों को पुलिस ने एक दिन पहले प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। जो कोतवाली थाना क्षेत्र में छिपे हुए थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को पूछताछ के लिए मऊगंज लाया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने लाठी, पत्थर और अन्य हथियार बरामद किए।
आरोपियों में मुख्य आरोपी अशोक कोल की बहन शनि कोल भी शामिल है, जो एक दिन पहले खुद को नाबालिग बता रही थी, लेकिन दस्तावेजों की जांच के बाद वह बालिग निकली।
इसके अलावा गिरफ्तार आरोपियों में श्याम लाल कोल, सचिन कोल, अनिल प्रजापति, राजेश कोल, बुद्ध सेन कोल, मुन्नी लाल कोल, मानवत कोल शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इस मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दो टीमें बनारस और प्रयागराज भेजी गई हैं। प्रयागराज में पुलिस ने मुख्य आरोपी अशोक कोल की मां गुड़िया कोल को गिरफ्तार किया है, जिसे पूछताछ के लिए थाने लाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक की ओर से उस पर 1000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।