Rewa news: आदिम जाति कल्याण विभाग रीवा में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार का हुआ खुलासा
समाजसेवी कमल सिंह बघेल द्वारा उच्च स्तर पर की गयी थी शिकायत,अपर कलेक्टर रीवा ने कमिश्नर रीवा संभाग को सौंपा जांच प्रतिवेदन ।

आदिम जाति कल्याण विभाग रीवा में पिछले 8 माह पूर्व लगभग एक करोड़ से ऊपर का निर्माण विद्युत फिटिंग फर्जी तरीके से कलेक्टर महोदय के निर्देशों /शासन के आदेशों के विपरीत तत्कालीन जिला संयोजक एवं शाखा प्रभारी विकास तिवारी द्वारा किया गया था ।जिसके संबंध में समाजसेवी श्री कमल सिंह द्वारा इसकी शिकायत उच्च स्तरीय की थी इसकी जांच समिति अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी एवं आई ए एस श्री प्रपंच कुमार जी द्वारा उक्त शिकायत की जांच की गई जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायतें प्रमाणित पाई गई । अपर कलेक्टर महोदय ने 18 मार्च 25 रीवा संभाग रीवा को तत्कालीन जिला संयोजक एवं शाखा प्रभारी विकास तिवारी को आरोपित मानते हुए जांच प्रस्तुत किया गया है ।जांच प्रतिवेदन 18 मार्च को कमिश्नर रीवा को भेजा गया जांच प्रतिवेदन के पश्चात अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है संभवत का 2 दिन में निलंबन की कार्रवाई हो सकती है। सभी आरोप प्रमाणित पाए गए जिसमें अधीक्षकों द्वारा कलेक्टर महोदय को सौंपे गए ज्ञापन एवं निर्माण कार्य की मस्ती का अवलोकन किया गया की जैसा कि शिकायतकर्ता श्री कमल सिंह द्वारा अवगत कराया गया था कि जबरदस्ती दबाव बनाकर कार्यालय में बैठा कर शाखा प्रभारी द्वारा नस्ती में दिए गए निर्देशों का पालन न करते हुए उक्त कार्य कराए गए ।जिसमें अपनों को लाभ देने के लिए फर्जी कोटेशन अधीक्षकों को दिया गया एवं कार्यालय में बैठाकर कार्य आदेश जारी करा लिया गया। एवं मनमानी भुगतान कराया गया जिसका विरोध अधीक्षकों ने किया और इसके संबंध में अपना ज्ञापन कलेक्टर महोदय कमिश्नर महोदय आदिवासी विकास को भी सौंपा था ।परंतु जांच विगत 6 माह से लंबित रही ।अपर कलेक्टर महोदय द्वारा संज्ञान में लेते हुए उक्त जांच पूर्ण करते हुए सभी तथ्यों की जांच की गई जांच बिंदुवार शिकायतों का परीक्षण किया गया सभी बिंदुओं का परीक्षण करने पर पाया गया कि शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत सही पाई गई जिसमें शाखा प्रभारी विकास तिवारी एवं तत्कालीन जिला संयोजक अपने पदीय दायित्वों के विरुद्ध कार्य किया है ।जिसके संबंध में कर्मचारी आचरण संहिता नियम 1965 के तहत कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित है अब देखना है कि निलंबन की कार्रवाही कितने दिन में होती है।