अनशन मैन के अनशन से खौफ खाते है रीवा जिले के अधिकारी, सुर्खियों में कामरेड – rewa

Rewa News: रीवा के वार्ड 15 से जिला पंचायत सदस्य के तौर पर जनता ने इन्हें जिला पंचायत भेजा। वजह थी अपने अनशन प्रदर्शन से बड़े बड़े कामों को कराना। जन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों के साथ 3 से 4 दिन बिना खाए पिए धूप छांव की परवाह किए बिना ऊंची ऊंची पानी की टंकियों पर धरना तो कभी आला अधिकारियों के दफ्तर में अनशन करना। अनशन धरना के डर से अधिकारियों में भी लालमणि का खौफ बना रहता है। यहीं कारण है कि पूरे रीवा में अनशन मैन के नाम से मशहूर है।

अनशन मैन का धरना

अनशन मैन का राजनैतिक जीवन Rewa

लालमणि त्रिपाठी एक सामान्य किसान परिवार से आते है। महज 16 वर्ष की उम्र से ही वह राजनीति में कदम रखे। 18 साल की उम्र में उनकी शादी हुई जीविका के लिए नागपुर में कैटरिंग का काम किया फिर भी राजनीति नहीं छोड़ी। अन्याय और भ्रष्टाचार के प्रति उन्होंने आवाजें उठाई। धीरे – धीरे ग्राम पंचायत के मुद्दे लेकर अनशन पर बैठने लगे सरपंच और पंच का चुनाव लडे बस यहीं से विधानसभा का सफर तय किया

लालमणि त्रिपाठी से अनशन मैन कामरेड लालमणि तक

ग्राम पंचायत के मुद्दे उठाते – उठाते लालमणि के चाहने वालों की संख्या बढ़ती गई. हर कोई उन्हें पसंद करने लगा। जिसके बाद लालमणि त्रिपाठी गुढ़ पूर्व विधायक विशंभर नाथ की पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने। जिसके बाद जिला पंचायत का चुनाव लडे और जीत भी हासिल की.. इससे पहले लालमणि त्रिपाठी अनशन मैन कामरेड लालमणि त्रिपाठी के रूप में उभर कर सामने आए

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नागपुर में कैटरिंग का काम किया

लालमणि बताते है कि मेरी कम उम्र में शादी हो गई, जब मेरी शादी हुई तब 18 साल का रहा। एक तरफ राजनैतिक जीवन और दूसरी तरफ गृहस्थ बहुत मुश्किल था। मेरे गांव के लोग नागपुर जाते थे। वहा शादी विवाहों में खाना बनाते थे। मै भी साथ गया वहां जाकर काम किया। लंबे संघर्ष के बाद आज जिला पंचायत सदस्य हूं।

जिला पंचायत से विधानसभा चुनाव

2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना प्रत्याशी कामरेड लालमणि त्रिपाठी को बनाया। चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए लालमणि के पास पैसे नहीं थे। फिर भी उन्होंने प्रयास किया। हालाकि एक तरफ भाजपा और कांग्रेस की टक्कर में लालमणि अपना अंजाम जान रहे थे। फिर भी उन्होंने उस पार्टी का नेतृत्व्य किया जो गुढ़ में 2003 में जीत दर्ज की थी। जिसके बाद 2023 में लालमणि त्रिपाठी ने CPI से टिकट प्राप्त कर चुनाव लडा।

अनशन मैन के नाम से मशहूर, खौफ में अधिकारी

जिला पंचायत सदस्य के सैकड़ों ऐसे धरना प्रदर्शन अनशन है। ग्राम स्तर से लेकर कलेक्टर जिला पंचायत कार्यलय सभी जगह अनशन पर बैठे थे। ऊंची पानी की टंकियों में कई दिन तक प्रदर्शन किया यहां तक की सड़क, बिजली, पानी, किसान, शिक्षा सभी मुद्दों को लेकर आमजन के साथ अनशन पर बैठ कर अधिकारियों को विवश किया। हाल ही में ग्राम पंचायत बड़ागांव में ब्रिज की मांग को लेकर अनशन पर बैठे जिसमे मांग पूरी भी हुई, जिसके बाद जिला पंचायत कार्यालय में अपनी मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए। तब जिला पंचायत सीईओ ने अधिकारी को भेज कर अनशन तुड़वाया।

अनशन मैन का अधिकारियों में खौफ होना वाजिब है। क्योंकि अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन और अनशन पर बैठना जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी की खूबी बन चुका है। लालमणि त्रिपाठी लगातार सक्रिय है। जनसमस्याओं को लेकर वह प्रतिदिन मुद्दे उठाते रहते है। विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फ़िर वह सुर्खियों में आ गए है।

उन्होंने ने बताया कि अभी कुछ ग्राम पंचायत है जहा मूलभूत सुविधाएं नहीं है। जो मेरे रेडार में आ रही है। जल्द ही उन पर एक्शन लूंगा।

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