रीवा में एक मरीज के पैर में दर्द और सूजन होने से उसकी मौत हो गई, एमपी के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री पर उठने लगी उंगली
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। खबरों की माने तो मरीज के पैर में दर्द और सूजन था। 108 एंबुलेंस की सहायता से मरीज को SGMH लाया गया जहा जिसके बाद चक्करों का असली खेल शुरू हुआ। जहां मरीज और परिजन डॉक्टरों के चक्कर काटते रहे लेकिन उपचार ना मिलने के कारण मरीज की आज सुबह मौत हो गई. इस घटना से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है।
डॉक्टर बोले मेरा केश नही ले जाओ सर्जरी में – रीवा
मृतक के परिजनों ने इस पूरी घटना की जानकारी मीडिया को देते हुए कहा कि पैर की समस्या होने कि वजह से हम हड्डी वाले डॉक्टर के पास ले गए तब डॉक्टर बोले की ले जाओ सर्जरी वाले के यहां यह मेरा केश नहीं है। इसके बाद हमारे द्वारा सर्जरी वाले डॉक्टर के पास ले जाया गया जहां डॉक्टर ने देखा फिर इसके बाद किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया गया। और रात भर लेटाए रखे ।
विन्ध्य की सबसे बड़ी अस्पताल जुड़ा के हवाले सीनियर लापता
रीवा की संजय गांधी अस्पताल विन्ध्य की सबसे बड़ी अस्पताल मानी जाती है जहां रीवा के साथ-साथ विन्ध्य के अन्य जिलों से मरीज उपचार करवाने रीवा के संजय गांधी अस्पताल आते हैं मगर मरीज व उनके परिजनों को शायद यह पता नहीं रहता है कि अभी तो वह अपने मरीज को जीवित लेकर जा रहे हैं मगर जब वहां से लौटेंगे तो मरीज की बॉडी ही उनके हाथ आएगी जी हां आपने बिल्कुल सही सुना रीवा के संजय गांधी अस्पताल के सीनियर डॉक्टर अपना निजी क्लीनिक एवं निजी अस्पताल चलाने में मस्त रहते हैं
और संजय गांधी अस्पताल की पूरी जवाब देही जूनियरों के हाथों में सौंप दी जाती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब सीनियर डॉक्टर अपनी प्राइवेट दुकान चलाने के लिए अपनी सरकारी ड्यूटी को छोड़कर निजी क्लीनिक में व्यस्त रहते हैं तो फिर मरीज का सही तरीके से उपचार कैसे हो पाएगा कहीं ना कहीं इस मरीज की मौत का जिम्मेदार संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर को ठहराया गया है डॉक्टर पर आरोप है कि उन्होंने समय रहते हैं मरीज का उपचार नहीं किया इधर से उधर दौड़ते रहे जिसके चलते उसकी मौत हो गई ।
एमपी के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री के इलाके में डॉक्टरों की तानाशाही
कहने को तो मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय की कमान मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के कंधों पर सौंपी गई है मगर वह भी सही तरीके से खड़ा नहीं उतर पा रहे हैं क्योंकि उनके ही इलाके में डॉक्टरों की तानाशाही है डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी करने के बजाए प्राइवेट क्लीनिक एवं प्राइवेट अस्पतालों में अपना समय दे रहे हैं कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का इन डॉक्टरों को जरा भी खौफ नहीं है अगर इन डॉक्टरों को जरा सा भी कार्यवाई का खौफ होता तो यह अपना समय अपने निजी क्लीनिक में न देकर सरकारी अस्पतालों में अपना समय देते मगर यह डॉक्टर सरकारी अस्पताल को छोड़कर निजी क्लीनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं जिसका खामियाजा मरीज को अपनी जान गवा कर भुगतना पड़ रहा है।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर उठने लगी उंगली
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों बद से भी बदतर हो चुकी है ना ही जिले भर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर रहते हैं और ना ही बीमारियों की दवा पहुंच पा रही है कहीं ना कहीं स्वास्थ्य मंत्री व मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पर उंगली उठना शुरू हो गई है क्योंकि लगातार मरीज के बीमारियों का उपचार करने के बजाय सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर मरीजो की जिंदगी से खिलवाड़ करते देखे गए हैं ।
लगातार संजय गांधी में ऐसी घटनाएं सामने आती रहती है जहां डॉक्टर मरीज का सही समय पर सही उपचार नहीं कर पाते हैं जिसके चलते मरीजों की मौत हो रही है अगर देखा जाए तो विन्ध्य में सबसे ज्यादा मौत संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से हो रही हैं मरीज काल के गाल में समा रहे हैं मृतक के परिजनों ने रीवा संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर एवं स्वास्थ्य मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में डॉक्टर में था कार्रवाई का खौफ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में डॉक्टर में कार्रवाई का डर साफ-साफ नजर आता था क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जरा सी लापरवाही मिलने पर सीधे मंच से ही निलंबित करने का फरमान जारी कर देते थे जिसके चलते डॉक्टर भी अस्पतालों में अपना समय दिया करते थे मगर अब डॉक्टर एवं मध्य प्रदेश के रीवा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है अगर मरीज बच गया तो वह उसका भाग्य है।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा