विदेशों में रीवा के शिव बारात उत्सव की चर्चा,बन गया यह अनोखा विश्व रिकॉर्ड,आखिर क्या है वजह!
Rewa's Shiv Barat festival is being discussed abroad, this unique world record has been created, what is the reason after all!
Rewa News: रीवा में महाशिवरात्रि पर्व के दौरान कई बड़े बड़े आयोजन रीवा जिले में व्यापारी व सामाजिक संगठन के द्वारा किये जाते है रीवा जिले का यह आयोजन हर साल लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत होता है। धार्मिकता, सेवा और उत्सव का यह संगम अपने आप में अनूठा है।
महाशिवरात्रि पर रीवा का यह भव्य आयोजन न केवल एक परंपरा है,बल्कि यह एक विरासत है जिसे आने वाले समय में याद किया जाएगा। रीवा के शिव बारात उत्सव ने रचा इतिहास, बनाए कई विश्व रिकॉर्ड तो आइए आज जानते है क्यों बजा विदेशों में रीवा का डंका।
रीवा महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित भव्य आयोजन के जरिए रीवा जिले ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। यहां शिव बारात उत्सव समिति ने दुनिया की सबसे बड़ी कढ़ाई का इस्तेमाल महाप्रसाद बनाने के लिए कर एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है।
इस करही में पिछले वर्ष महाशिवरात्रि के पर्व में 5,100 किलो की खिचड़ी बनाई गई थी, जिसे महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों को परोसा गया था। रीवा जिले के साथ बाहर के लोग भी रीवा में आकर प्रसाद ग्रहण किया था।
रीवा के पंचमठा आश्रम में तैयार की गई इस खिचड़ी में बड़ी मात्रा में सामग्री का उपयोग किया गया था। 4,000 लीटर पानी, 600 किलो चावल ,300 किलो दाल , 100 किलो देसी घी,100 किलो ताजी सब्जियां यह खिचड़ी 21 लोगों की टीम ने मिलकर बनाई थी। इसे 51,000 भक्तों को महाप्रसाद के रूप में परोसा गया।
इस आयोजन ने 3,000 किलो खिचड़ी के पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। आपको अधिक जानकारी के लिए बता दें कि रीवा जिले में विगत कई बरसों से हर वर्ष भगवान भोलेनाथ का महाप्रसाद कार्यक्रम आयोजन किया जाता है और प्रसाद ग्रहण करने के लिए दूर – दूर से
लोग रीवा के स्थित महामृत्युंजय किला में जाकर भगवान भोलेनाथ का प्रसाद ग्रहण करते हैं इस दिन रीवा में शिव बारात समिति के द्वारा जगह-जगह पर झांकियां निकाली जाती हैं और रंगारंग कार्यक्रम से रीवा ने दुनिया भर में एक अलग पहचान बना ली है। या यूं कहे कि रीवा का डंका अब विदेशों में भी बजने लगा है।