रीवा में RSS का विरोध पड़ा भारी,NSUI कार्यकर्ता हो गए गिरफ्तार,युवा कांग्रेस हुआ उग्र! Rewa News
Rewa News: रीवा शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये कार्यकर्ता शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में आरएसएस के खिलाफ पोस्टर लगाने और विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने तत्काल …

Rewa News: रीवा शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये कार्यकर्ता शहर के प्रमुख चौराहों और बाजारों में आरएसएस के खिलाफ पोस्टर लगाने और विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे, लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।
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कॉलेज चौराहा बना पुलिस छावनी
शहर के TRS कॉलेज चौराहे और शिल्पी प्लाजा के पास पुलिस की सख्त तैनाती रही। प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के बाद भी एनएसयूआई कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। पुलिस ने कई थानों की फोर्स बुलाकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और उन्हें अलग-अलग थानों में भेज दिया।
युवा कांग्रेस का विरोध, धरने पर बैठे कार्यकर्ता
गिरफ्तारी के बाद युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सत्ता के दबाव में की गई है। युवा कांग्रेस नेताओं का कहना था,
"अगर गांधी जी के हत्यारों से जुड़े संगठन का विरोध करना अपराध है, तो लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या मतलब रह जाता है?"
उन्होंने पुलिस से मांग की कि हिरासत में लिए गए छात्रों को तुरंत रिहा किया जाए।
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पुलिस की सफाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निवारक कार्रवाई की गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि जो लोग अशांति फैला रहे थे, उन्हें रोकने के लिए हिरासत में लिया गया है और इस मामले की जांच जारी है।
क्या है पूरा मामला?
एनएसयूआई कार्यकर्ता आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े विचारधारा का विरोध करना लोकतंत्र का हिस्सा है और इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भाजपा सरकार और आरएसएस से जुड़े लोग इस विरोध को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना के बाद शहर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर छात्रों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है, जबकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।