Rewa News: रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा अब जिले की मेडिकल में ऐसे ही नहीं मिलेंगे दवाइयां,करना होगा यह काम

Rewa News: रीवा में नशीली दवाओं का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है, कोरेक्स के बाद अब नशीली दावों की बिक्री पर शक्ति बढ़ाई जाएगी यह जानकारी युवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दी है। नशीली दवाओं के बढ़ रहे प्रचलन के कारण युवा वर्ग लगातार इसकी चपेट में आ रहा है।

कलेक्टर ने इस समस्या पर अब सख्त रुख अपनाया है।कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जानकारी देते हुए कहा है किस जिले में मेडिकल नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है, पुलिस ने भारी मात्रा में नशीली दावों और सिरप को जप्त किया है। मेडिकल नशे का बढ़ता प्रचलन जिले के लिए एक बड़ी समस्या साबित हो सकता है।

प्रतिभा पाल ने कहा कि इस कारण से जिले की सभी प्रदेश में धूमिल हो रही है, की समस्या को दूर करने के लिए दवाएं विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं, कि नशे के रूप में दावा का किसी भी हाल में दुरुपयोग न होने दें।

इस धारा के तहत हो सकती है कार्यवाही

दवा विक्रेता नशीली दावों की बिक्री किसी भी रूप में न करें अगर कोई भी व्यक्ति नशे का आदी है, तो प्रशासन उसके निर्वस्त्र के लिए पूरी कोशिश करेगा, ऐसे व्यक्तियों की सूचना पुलिस या सामाजिक न्याय विभाग को अवश्य दे, नारकोटिक्स एक्ट के प्रावधानों, ड्रग प्राइस कंट्रोल एक्ट के प्रावधानों को ध्यान में रखा जाए।

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जिले में अब कोड नंबर से होगी ट्रैकिंग

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिले में अब कोड नंबर से ट्रैकिंग की व्यवस्था जल्दी शुरू होने वाली है। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि कई दवा विक्रेता अनजाने में ही नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल है, उनको इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं होती है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग दबाव की फैक्ट्री से लेकर वितरण होने तक कोड नंबर से ट्रैकिंग की व्यवस्था जल्द ही शुरू कर रहा है। नशीली दवाओं और प्रतिबंधित दावों की बिक्री पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है, और 10 साल तक की सजा का प्रावधान भी है।

कलेक्टर- डॉक्टर के पर्चे पर ही दवाएं दी जाएं

रीवा कलेक्टर ने बताया कि कुछ दवाओं में ऐसे कैमिकल्स का उपयोग होता है। जिनसे नशा किया जा सकता है। मेडिकल स्टोर को निर्देश दिए हैं कि ऐसी दवाओं की बिक्री की में सावधानी बरतें। डॉक्टर के पर्चे पर ही दवाएं दी जाएं। अगर कोई व्यक्ति ऐसी दवाएं लेने बार-बार आता है, तो उसकी सूचना पुलिस को दी जाए। 12 अक्टूबर के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में टीम निरीक्षण करेगी।

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