रीवा कलेक्टर को माननीय हाइकोर्ट ने कहा- अब एक दिन में करो आदेश का पालन,जानिए आखिर क्या है मामला
Rewa News: रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को हाईकोर्ट के आदेश के पालन के लिए चार हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगना भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ चार घंटे का ही समय दिया जा सकता है, क्योंकि रीवा से जबलपुर आने में इतना ही समय लगता है। सरकारी अधिवक्ता द्वारा …

Rewa News: रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को हाईकोर्ट के आदेश के पालन के लिए चार हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगना भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ चार घंटे का ही समय दिया जा सकता है, क्योंकि रीवा से जबलपुर आने में इतना ही समय लगता है। सरकारी अधिवक्ता द्वारा माफी मांगने के बाद कोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए मात्र एक दिन का समय दिया।
Rewa News क्या है पूरा मामला?
न्यूज चैनल द सूत्र के अनुसार रीवा जिले की रायपुर कर्चुलियान तहसील के कोष्टा गांव की निवासी मुन्नवती लोहार ने भूमि विवाद को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने पहले उनके पक्ष में दाखिल-खारिज का आदेश पारित किया, लेकिन बाद में बिना किसी पूर्व सूचना के अपना ही आदेश पलट दिया।
इसके खिलाफ उन्होंने उप विभागीय अधिकारी (SDO) के समक्ष अपील की, जहां उनके पक्ष में फैसला आया। लेकिन इसी दौरान प्रतिवादी संतोष ने अन्य पक्षकारों—ललिता पटेल, प्रतिमा सिंह और जगत बहादुर सिंह—को विवादित भूमि का कुछ हिस्सा बेच दिया। इसके बाद प्रतिवादियों ने अपर आयुक्त के समक्ष अपील की, जिसने मामले को वापस SDO के पास भेज दिया।
Rewa News याचिकाकर्ता की आपत्ति
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी ने कोर्ट में तर्क दिया कि प्रतिवादियों ने SDO के समक्ष खुद को पक्षकार बनाने की कोशिश नहीं की, जबकि भूमि खरीदने के समय वे विवाद से परिचित थे। साथ ही, उन्होंने भू-राजस्व संहिता की धारा 49 का हवाला देते हुए कहा कि अपर आयुक्त के पास मामला SDO को वापस भेजने का अधिकार नहीं था। इस आधार पर उन्होंने अपर आयुक्त के आदेश को चुनौती दी।
कोर्ट की सख्ती और कलेक्टर को चेतावनी
याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि तहसीलदार, जो कलेक्टर के अधीनस्थ होते हैं, ने एक ही मामले में दो अलग-अलग आदेश पारित किए। कोर्ट ने रीवा कलेक्टर से स्पष्टीकरण मांगते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया था।
हालांकि, जब सरकार की ओर से चार हफ्ते का और समय मांगा गया, तो कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने कहा कि रीवा से जबलपुर आने में सिर्फ चार घंटे लगते हैं, फिर इतने लंबे समय की जरूरत क्यों? सरकारी अधिवक्ता द्वारा माफी मांगने के बाद कोर्ट ने केवल एक दिन का समय देते हुए चेतावनी दी कि आदेश का पालन न करने पर कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा। Rewa News
अगली सुनवाई और जुर्माना
इस मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च 2025 को होगी, जिसे टॉप ऑफ द लिस्ट रखा गया है। इसके अलावा, कोर्ट ने सरकार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे ज्यूडिशियल सर्विसेज अकाउंट में जमा करना होगा। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और न्यायिक आदेशों की अनदेखी पर कोर्ट की सख्ती का उदाहरण बन गया है। Rewa News