Rewa News: रीवा की खुशी ने 12वी बोर्ड परीक्षा में टॉप किया था,लेकिन टॉपर की आत्महत्या के बाद घर में मातम पसरा है, मृतिका के घर पहुंच रोने लगे रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा।

Rewa News प्रदेश की राजधानी भोपाल से 620 किलोमीटर दूर रीवा के चुनरी गांव में 22 वर्षीय खुशी सिंह ने 2020 में मध्यप्रदेश बोर्ड परीक्षा में पूरे प्रदेश में टॉप किया था। लेकिन बीते रक्षाबंधन त्यौहार से एक दिन पहले अज्ञात कारणों से टॉपर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसे बाद घर और पूरे जिले में मातम पसर गया। आपको बता दें की अभी तक पुलिस को सुसाइड के कारणों का पता नही चला है। इसी बीच मृतिका के घर पहुंचे रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा रोने लगे और परिवार जनों को ढांढस दिया।

आपको बता दें की मृतिका खुशी ने 2020 में 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 97.6 प्रतिशत स्कोर के साथ उत्तीर्ण किया था उन्होंने 500 में से 486 अंक हासिल कर 12वीं में मध्य प्रदेश में टॉप किया था। मृतिका खुशी का सपना था वह आगे चलकर टीचर बनेगी, और अपनी की तरह इसलिए की बेटियों को शिक्षा देकर आगे बढ़ाएगी।

Rewa News टॉपर का सपना था टीचर बनना

12वीं के बोर्ड परीक्षा में टॉप करने के बाद उन्होंने कहा था कि वह शिक्षिका बनना चाहती हैं, एक स्थानीय कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई उन्होंने पूरी की थी यहां तक कि उनके चाचा जिनके परिवार छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में रहता है। उन्होंने कहा था कि अगर उनको आगे की पढ़ाई करनी है तो वह यहां रहकर भी पढ़ाई कर सकते हैं, लेकिन खुशी ने गांव में ही रहकर पढ़ना पसंद किया था।

सांसद जनार्दन मिश्रा भी रो पड़े

प्राप्त जानकारी के अनुसार रीवा सांसद जनार्दन मृतिका के घर परिवार जनों को ढांढस देने पहुंचे थे, लेकिन सबको मम्मी देख विवाह सांसद की आंखों से भी आंसू निकल पड़े बीते सोमवार को बेटी का अंतिम संस्कार किया जाना था, खुशी दौरान रीवा सांसद की आंखों से आंसू निकल पड़े उनका मानना था कि वह बड़ी अधिकारी बनेगी। लेकिन इस घटना में सभी को दुखी कर दिया है।

आत्महत्या बना है अभी तक राज

घटना किन कर्म से ही है इसके बारे में पुलिस को अभी तक कोई भी जानकारी नहीं लगी है सोहागी पुलिस स्टेशन प्रभारी पवन शुक्ला में बताया है, जब तक हम पहुंचे, परिजनों ने उसका शव नीचे उतार लिया था। हमने उस कमरे की तलाशी ली जहां घटना हुई थी, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला,लेकिन कार्यवाही जारी है।

कला में भी टॉपर थी खुशी

मध्य प्रदेश किया टॉपर पढ़ाई ही नहीं कला स्ट्रीम के लिए भी राज्य की टॉप की सूची में पहला स्थान मिला था।उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए उन्हें सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सम्मानित किया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि खुशी बेहद सरल और पढ़ाकू थी।

चुनारी गांव के एक सामाजिक कार्यकर्ता मार्तंड सिंह, जो खुशी के परिवार के पड़ोसी भी हैं, उन्होंने बताया कि 'वह पांच बहनों में तीसरी थी। दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। परिवार गरीब है और उसके पिता एक किसान हैं जिनके पास बहुत कम खेती है।

हमें नहीं लगता कि कोई वित्तीय समस्या हो सकती है जिसके कारण यह घटना हुई, क्योंकि टॉपर होने के बावजूद गांवों में कुछ बैरियर थे। लोग अपनी बेटियों को दूर-दराज के स्थानों पर पढ़ने के लिए भेजने से झिझकते हैं, लेकिन वह कभी भी कहीं नहीं जाना चाहती थी।