आज राजधानी दिल्ली में लगेगी रीवा कलेक्टर और SP की क्लास,जारी किया गया था नोटिस,जानिए पूरा मामला
Rewa News: रीवा जिले में एक किड्स स्कूल में 5 साल के बच्चे के साथ कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त रुख अपनाया है और 28 फरवरी को रीवा के कलेक्टर और एसपी को नई दिल्ली में आयोग के …

Rewa News: रीवा जिले में एक किड्स स्कूल में 5 साल के बच्चे के साथ कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सख्त रुख अपनाया है और 28 फरवरी को रीवा के कलेक्टर और एसपी को नई दिल्ली में आयोग के दफ्तर में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना रीवा शहर के बोदाबाग मोहल्ले में स्थित ज्योति किड्स गार्डन स्कूल की है। भाजपा नेता गौरव तिवारी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल में नर्सरी के 5 साल के बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
शिकायत के अनुसार, क्लास में बच्चे ने पोट्टी कर दी थी, जिसके बाद टीचर और आया ने उसे डांटा और फिर घसीटते हुए बाथरूम ले गईं। वहां बच्चे से स्वयं ही अपने कपड़े साफ करवाए गए और उसे गीले कपड़ों व जूतों में घंटों ठंड में खड़ा रखा गया।
सीसीटीवी फुटेज का विवाद
इस पूरी घटना की रिकॉर्डिंग स्कूल के सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने फुटेज डिलीट कर दिया।
मानवाधिकार आयोग का कड़ा रुख
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस गंभीर मामले पर पहले कलेक्टर और एसपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। लेकिन दो बार समय दिए जाने के बावजूद 17 फरवरी तक जवाब नहीं मिला। इसके बाद आयोग ने कलेक्टर और एसपी के खिलाफ सम्मन जारी कर दिया और उन्हें 28 फरवरी को नई दिल्ली में उपस्थित होने का आदेश दिया।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि
1. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
2. आयोग को जवाब तय समय पर क्यों नहीं दिया गया?
इन सवालों का स्पष्ट स्पष्टीकरण दिया जाए।
समाज में गूंजा मामला
इस घटना को लेकर अभिभावकों और सामाजिक संगठनों में नाराजगी है। लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूल प्रशासन और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
यह मामला बच्चों की सुरक्षा और स्कूलों में अनुशासन के नाम पर किए जाने वाले अमानवीय व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि 28 फरवरी को कलेक्टर और एसपी आयोग के सामने क्या जवाब देते हैं और इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।