रीवा के सुप्रसिद्ध चिरहुला मंदिर परिसर में 3.25 करोड़ की लागत से होगा सौन्दर्यीकरण,कलेक्टर ने किया निरीक्षण!
Rewa News: चिरहुला मंदिर परिसर में निर्माणाधीन 30 दुकानों के निर्माण कार्य के साथ प्रस्तावित पार्किंग स्थल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। नई दुकानों के निर्माण से मुख्य द्वार से मंदिर तक का रास्ता चौड़ा और सुविधाजनक हो जाएगा तथा चिरहुला तालाब …

Rewa News: चिरहुला मंदिर परिसर में निर्माणाधीन 30 दुकानों के निर्माण कार्य के साथ प्रस्तावित पार्किंग स्थल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। नई दुकानों के निर्माण से मुख्य द्वार से मंदिर तक का रास्ता चौड़ा और सुविधाजनक हो जाएगा तथा चिरहुला तालाब की सुंदरता भी बढ़ेगी। और पूरे परिसर में श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होगी।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि चिरहुला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर तक के रास्ते को पेवर ब्लॉक लगाकर चौड़ा किया जाए तथा पार्किंग स्थल को समतल कर सुविधाजनक बनाया जाए। प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार मुख्य द्वार से प्रवेश और निकास के लिए रास्ता बनाया जाए तथा मंदिर से लगे क्षेत्र में हॉल का निर्माण शुरू किया जाए।
क्या है मंदिर का इतिहास
बघेल वंश के महाराजा व्यंकटरमन सिंह जूदेव ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। चिरुला दास बाबा के बारे में मान्यता है कि वे पानी पर चलकर तालाब को पार करते थे। चिरहुला मंदिर के पुजारी डूडू महाराज बताते हैं कि इस दरबार में सभी
भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही वजह है कि चिरहुला मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। कलयुग के देवता बजरंगबली न्यायाधीश की तरह भक्तों की समस्याएं सुनते हैं और उनके कष्ट दूर करते हैं।
क्या है मंदिर की कहानी
पुजारी ने बताया कि चिरहुला मंदिर के हनुमानजी को 'हाई कोर्ट' कहा जाता है। वहीं, रामसागर मंदिर के पास हनुमानजी के मंदिर को जिला न्यायालय कहा जाता है। इस मंदिर से आगे चलते ही वहां हनुमानजी के मंदिर को सुप्रीम कोर्ट कहा जाता है। कहा जाता है कि जिन भक्तों की परेशानियों का समाधान जिला न्यायालय से नहीं होता, उनकी सुनवाई पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में होती है।
इसके बाद से भक्त अपनी समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। मान्यताओं के अनुसार यहां आने वाले हर भक्त के दुख दर्द दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि ये तीनों मंदिर एक ही दिशा में स्थित हैं। चिरहुला मंदिर में जब भी किसी भक्त की मनोकामना पूरी होती है तो वह रामचरित मानस का पाठ और भोज का आयोजन करता है।