Ratan Tata: रतन टाटा धन कुबेर तो थे ही लेकिन यह उनका एक बहुत छोटा सा परिचय है। उनके अंदर एक स्वाभिमानी भारतीय का दिल धड़कता था, यह उनके लिए सबसे बड़ा परिचय था भारत की आन बान के लिए वे पूंजी और मुनाफे के खेल में हर जीत को बहुत छोटा समझते थे भारत का सम्मान उनके लिए किसी भी,मुनाफे से ऊपर की चीज थी जिसका वे खुलकर प्रदर्शन भी करते थे।
इसलिए जब देश को जरूरत पड़ी तो उन्होंने अपने खजाने खोल दिए भारत की खातिर ही उन्होंने दुनिया के दिग्गज कार निर्माता कंपनी फूड के मालिक से ऐसा बदला लिया, कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा ने के लिए मजबूर हो गई आखिर क्या कर दिया था।
फोर्ड के मालिक ने रतन टाटा के साथ साल 1999 में टाटा समूह की कार निर्माता कंपनी ठीक से नहीं चल रही थी घाटे का दौर लगभग शुरू हो गया था।
बिजनेस के पंडितों ने बताया कि अगर फोर्ड कंपनी इसे खरीद ले तो कंपनी बंद नहीं करनी पड़ेगी टाटा की पूंजी भी वापस हो जाएगी, किसी का रोजगार भी खत्म नहीं होगा, रतन टाटा अपने अधिकारियों के साथ फूड कंपनी के मालिक विल फोर्ड से मिलने पहुंचे, विल फोर्ड ने रतन टाटा को झड़ दी कि किसने आपको इस तरह की कार बनाने की सलाह दी थी।
अगर फूड समूह ने यह कंपनी खरीद ली तो यह आपके ऊपर एहसान होगा, बात रतन टाटा को लग गई यह ताना केवल अपने अभिमान पर होता तो वे सह लेते लेकिन यह भारत के दिग्गज कार कंपनी की थी।
इसलिए राष्ट्र के स्वाभिमान का भी सवाल था टाटा बिना डील किए वापस लौट आए इस बात को लेकर रतन टाटा फोर्ड से हिसाब बराबर करने की ताक में लगातार लगे रहे अपने अधिकारियों को भी फोर्ड पर नजर बनाए रखने के लिए कहा इसी बीच फोर्ड कंपनी की माली हालत खराब होने लगी विलफोर्ड दौड़े-दौड़े रतन टाटा के पास आए
उन्होंने रतन टाटा से गुहार लगाई कि अगर वे लैंडरोवर जगुआर कंपनी खरीद लेंगे तो यह टाटा का फड के ऊपर आसान होगा, रतन टाटा ने लैंड रोवर जगुआर कंपनी खरीद ली यह कंपनी भारत को गुलाम बनाने वाली ब्रिटेन की शान मानी जाती थी ब्रिटेन की वह शान भारत के मान के अधीन हो गई और टाटा ने जबरदस्त बदला भी फोर्ड से चुका लिया था।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा