PulwamaAttack: पुलवामा हमले की छठी बरसी: देशभर में शहीदों को श्रद्धांजलि
PulwamaAttack: आज, 14 फरवरी 2025 को, पुलवामा आतंकी हमले की छठी बरसी मनाई जा रही है। यह दिन भारत के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। 2019 में इसी दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के पास लेथपोरा इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर …

PulwamaAttack: आज, 14 फरवरी 2025 को, पुलवामा आतंकी हमले की छठी बरसी मनाई जा रही है। यह दिन भारत के इतिहास का वह काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। 2019 में इसी दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के पास लेथपोरा इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस भयावह घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था
14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ का एक बड़ा काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था। इस काफिले में करीब 78 बसों में 2500 से अधिक जवान सवार थे। दोपहर 3:15 बजे, एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को काफिले की एक बस से टकरा दिया। धमाका इतना भीषण था कि बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और मौके पर ही 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम:
पुलवामा हमले की छठी बरसी पर देशभर में विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, "हमारे वीर जवानों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जाएगा। उनके बलिदान ने देश को एकजुट किया है और हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।"
सीआरपीएफ मुख्यालय में श्रद्धांजलि:
सीआरपीएफ के मुख्यालय में भी शहीदों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया और उनकी वीरता की कहानियों को साझा किया गया। सभी ने नम आंखों से अपने वीर सपूतों को याद किया।
शहीदों के परिवारों की कहानियां:
पुलवामा हमले के शहीदों के परिवार आज भी उस दिन की याद में गमगीन हैं, लेकिन साथ ही गर्व भी महसूस कर रहे हैं। कई परिवारों ने अपने बेटों, पतियों और भाइयों की शहादत को देश के प्रति उनका सर्वोच्च बलिदान बताया। एक शहीद की मां ने कहा, "मेरा बेटा आज हमारे साथ नहीं है, लेकिन उसकी शहादत ने पूरे देश को एकजुट किया है। मुझे उस पर गर्व है।"
सुरक्षा व्यवस्था और नए कदम:
इस हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा बलों के काफिले की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई नए उपाय किए हैं। ड्रोन निगरानी, बुलेटप्रूफ वाहनों का उपयोग, और आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए ऑपरेशन ऑल-आउट जैसी कई योजनाएं शुरू की गईं। भारत ने पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव भी बढ़ाया और पुलवामा हमले के कुछ ही दिनों बाद, बालाकोट हवाई हमले को अंजाम देकर जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन:
इस हमले के बाद भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक समर्थन मिला। अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और कई अन्य देशों ने इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों में समर्थन देने की घोषणा की।
हमेशा जीवित रहेगा शहीदों का बलिदान:
आज, पूरे देश में लोग शहीदों को याद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #PulwamaAttack और #NeverForget जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। स्कूली बच्चे, कॉलेज के छात्र, और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग अपने-अपने तरीके से शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।