महाकुंभ में जाम से बचने के लिए बुजुर्ग ने साइकिल से प्रयागराज जाने का किया निर्णय,महाराष्ट्र से पहुंचे रीवा video viral
Prayagraj MahaKumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन अपनी पूरी भव्यता के साथ जारी है। देशभर से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम नगरी पहुंच रहे हैं। इसी बीच, महाराष्ट्र के एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने अपनी अनूठी यात्रा से सभी का ध्यान खींचा है। उन्होंने 1200 किलोमीटर की लंबी दूरी साइकिल से …

Prayagraj MahaKumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन अपनी पूरी भव्यता के साथ जारी है। देशभर से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम नगरी पहुंच रहे हैं। इसी बीच, महाराष्ट्र के एक 70 वर्षीय बुजुर्ग ने अपनी अनूठी यात्रा से सभी का ध्यान खींचा है। उन्होंने 1200 किलोमीटर की लंबी दूरी साइकिल से तय करने का संकल्प लिया और अब वे महाकुंभ के नजदीक पहुंच चुके हैं।
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संकल्प और समर्पण
यह श्रद्धालु पिछले एक महीने से लगातार साइकिल से यात्रा कर रहे हैं। महाराष्ट्र से रवाना होकर उन्होंने मध्य प्रदेश का मार्ग चुना और अब प्रयागराज की ओर बढ़ रहे हैं। सोमवार को वे रीवा होते हुए आगे निकले, ताकि भीड़-भाड़ और जाम से बचा जा सके।
भीषण जाम और यात्रियों की भीड़
महाकुंभ के चलते प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर यातायात का भारी दबाव है। हाल ही में रीवा के सोहागी घाटी और चाकघाट सहित कई स्थानों पर 40 घंटे तक लंबा जाम देखने को मिला। बावजूद इसके, इस बुजुर्ग ने हार नहीं मानी और अपने निश्चय पर डटे रहे।
एक प्रेरणादायक उदाहरण
उनकी यह यात्रा न केवल आस्था और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि इच्छाशक्ति के आगे उम्र कोई बाधा नहीं होती। साइकिल से इतनी लंबी दूरी तय करना किसी साधना से कम नहीं, और यह श्रद्धा का अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
महाकुंभ का आकर्षण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और ऐसे श्रद्धालु इसकी आध्यात्मिक महिमा को और भी विशिष्ट बना रहे हैं।महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, जिसमें शाही स्नान का विशेष महत्व है। शाही स्नान के दौरान विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
आज, 3 फरवरी 2025, सोमवार को बसंत पंचमी का पर्व है, जो शाही स्नान के लिए महत्वपूर्ण तिथि है। हालांकि, कुछ पंचांगों के अनुसार, बसंत पंचमी 2 फरवरी को भी मनाई गई थी। उदया तिथि के अनुसार, 3 फरवरी को भी शाही स्नान का आयोजन हो रहा है।
इससे पहले, 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के अवसर पर शाही स्नान हुआ था, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था। दुर्भाग्यवश, इस दौरान भगदड़ की घटना भी हुई थी, जिसमें कुछ लोगों की मृत्यु हो गई थी।
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान की तिथियां निम्नलिखित हैं
प्रथम शाही स्नान: 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
द्वितीय शाही स्नान: 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या)
तृतीय शाही स्नान: 2 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी)
महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है, और इसे मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप शाही स्नान में भाग लेने की योजना बना रहे हैं, तो स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।