Mp news: पुलिस आरक्षक का वीडियो वायरल थाना प्रभारी व स्टाफ जुआरियों , अपराधियो , भ्र्ष्टाचारियो को दे रहे सरक्षण ,सौरभ शर्मा की तरह निकल सकते है घांघ पुलिस कर्मी
Mp news: पुलिस आरक्षक का वीडियो वायरल थाना प्रभारी व स्टाफ जुआरियों , अपराधियो , भ्र्ष्टाचारियो को दे रहे सरक्षण ,सौरभ शर्मा की तरह निकल सकते है रीवा जिले के कई घांघ पुलिस कर्मी मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों व कर्मियों का अवैध संरक्षण: एक गंभीर समस्या मध्य प्रदेश में थाना प्रभारियों व पुलिस कर्मियों द्वारा जुआ, …

Mp news: पुलिस आरक्षक का वीडियो वायरल थाना प्रभारी व स्टाफ जुआरियों , अपराधियो , भ्र्ष्टाचारियो को दे रहे सरक्षण ,सौरभ शर्मा की तरह निकल सकते है रीवा जिले के कई घांघ पुलिस कर्मी मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों व कर्मियों का अवैध संरक्षण: एक गंभीर समस्या
मध्य प्रदेश में थाना प्रभारियों व पुलिस कर्मियों द्वारा जुआ, ऑनलाइन सट्टा और अवैध उत्खनन जैसी गतिविधियों को संरक्षण देने का एक नया रुझान सामने आया है। यह गतिविधियाँ इतनी सामान्य हो गई हैं कि अब तो थाना प्रभारी व स्टाफ इसे अपनी जिम्मेदारी मानने लगे हैं।
Mp के कटनी में पुलिस द्वारा अपराधियों को संरक्षण देने की घटनाएं बढ़ गई हैं। यह गंभीर आरोप कटनी जिले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी लगा चुके हैं।
आज हम एक और चौंकाने वाली खबर लेकर आए हैं। यह मामला दतिया जिले के सवरा थाने से जुड़ा हुआ है, जहां एक पुलिस आरक्षक, भारत रावत ने एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी धवल सिंह चौहान और उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों द्वारा सट्टा, जुआ, और रेत उत्खनन से अवैध वसूली की जा रही है। भारत रावत का दावा है कि थाना प्रभारी को इन अवैध गतिविधियों से प्रतिदिन भारी रकम मिलती है।
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वीडियो में यह भी बताया गया कि किस प्रकार विभिन्न स्थानों से पुलिसकर्मी सट्टा और जुआ कारोबारियों से पैसे की वसूली करते हैं, और यह सारा काम पुलिस अधिकारियों की देखरेख में होता है। भारत रावत ने यह जानकारी उजागर करते हुए यह भी कहा कि इन गतिविधियों से पुलिस थाने को प्रतिदिन हजारों रुपये की रिश्वत मिलती है।
इसके बाद भारत रावत को निलंबित भी कर दिया गया और फिलहाल वह लापता हैं। इस पूरे मामले की जांच दतिया के एसपी वीरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में चल रही है।
इसी दौरान, कटनी जिले के विधायक संदीप जयसवाल और अन्य स्थानीय विधायक भी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराधियों से गठजोड़ की समस्या गंभीर होती जा रही है। यदि इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
आखिर क्यों पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं है
यह सवाल अब प्रदेशवासियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। विधायक और आम जनता लगातार पुलिस प्रशासन से सवाल कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे इस गंभीर समस्या का समाधान तुरंत करें और पुलिस अधिकारियों और अपराधियों के बीच का गठजोड़ तोड़ने के लिए ठोस कदम उठाएं पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि हर 6 माह में थानो के स्टाफ का तबादला एक जगह से दूसरी जगह करते रहे जिससे नशे के करोवरियो तस्करों अपराधियो दूरियां बनी रहे ।
ऐसे कई मामले रीवा जिले में भी आ चुके है जहां कई पुलिस कर्मियों की सांठ गांठ इन माफियाओं से उजागर हो चुकी है। जो आज भी अपनी जेब भर रहे है रीवा जिले में ऐसे कई पुलिस कर्मी है जो कई वर्षों से जिले में अपनी धाक जमाकर बैठे हुए है और नेताओं के चरण वंदन कर मनचाहा थाने को ही अपनी ससुराल मान घर जमाई की तरह छाती में मूंग दर रहे है ,
अगर जिले के सभी थानों के पुलिस कर्मियों की सम्पत्ती की जांच कराई जाए न जाने कितने पुलिस कर्मी सौरभ शर्मा की तरह अरब पति निकलेंगे पर शायद रीवा जिले के पुलिस अधिकारियों को इन सब चीजों के लिए वक्त नही निकल पाता है और वक्त भी क्यो निकले उन पुलिस कर्मियों के ऊपर उनके आकाओं का हाथ है।
मध्यप्रदेश के सभी ईमानदार पुलिस अधिकारी इस आर्टिकल को अपने पे न ले यह खबर सिर्फ़ उन भ्रष्टाचार , और दलालो के लिए है जिनका पेट उनकी पगार पर नही चलता है जो अपराध को बढ़ावा देकर अपनी जेब भर रहे है।