PM Modi Perfume India: पीएम मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से खास लगाव है वे यहां की आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता के मुरीद हैं,अब पीएम मोदी के नाम पर एक खास पहाड़ी पौधे के बीजों से बने इत्र और परफ्यूम को लॉन्च करने की तैयारी हो रही है। क्या है उस पौधे का नाम और इसके लिए क्या खास तैयारियां चल रही हैं, देवभूमि का तीर्थ दुनिया में खुशबू फैलाएगा,पीएम मोदी के नाम से बाजार में इत्र आएगा।
तिमूर से इत्र और परफ्यूम बनाने की तैयारी हो रही है पहाड़ी इत्र धूम मचाएगा,उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां तो सभी को पसंद होती हैं। लेकिन यहां के पहाड़ों में पाए जाने वाले औषधीय पौधे भी अनमोल हैं। उन्हीं पौधों में से एक है तिमूर जो अब देश-दुनिया में मशहूर होने जा रहा है।
उसकी वजह है तिमूर से बनने वाला इत्र और परफ्यूम देश-विदेश की कई मशहूर हस्तियों के नाम से बाजारों में इत्र बिक रहे हैं,अब प्रधानमंत्री मोदी के नाम से भी बाजारों में इत्र बिकता नजर आएगा। इसकी शुरुआत उत्तराखंड से होने जा रही है। यहां उगाए जाने वाले तिमोर वृक्ष से बने इत्र को पीएम मोदी के नाम से बाजार में उतारा जाएगा।किसानों की आय काफी हद तक बढ़ेगी और दुनिया की लेटेस्ट तकनीक को भी उत्तराखंड में आने का मौका मिलेगा।
सफेद चंदन का बहुत महत्व है और इन दिनों परफ्यूमरी काफी बढ़ रही है। मुझे फ्रांस के गौस जाने का मौका मिला और वहां मैंने देखा कि कैसे लोग एसेंस, एब्सोल्यूट,स्प्रिट बना रहे हैं ये सब पहले कन्नौज में होता था।आज इसका एक छोटा सा हिस्सा हमारे उत्तराखंड में हो रहा है।
ये तस्वीरें देहरादून के सेलाकुई स्थित सांग पौष्ट केंद्र की हैं,जो इस मुहिम में बड़ी भूमिका निभा रहा है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्र का दौरा किया और एक सेमिनार में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में पाई जाने वाली शाखा और पुदीने का जिक्र किया और तिमोर के परफ्यूम का भी जिक्र किया।
वर्तमान में सांग पौष्ट केंद्र उत्तराखंड के 109 एरोमा क्लस्टरों में 28000 किसानों द्वारा 9000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर लेमन ग्रास जैसी सांग फसल उगा रहा है। उत्तराखंड में मिंट डस्क रोज तेजपात केम मिल आदि की खेती कर सुगंध उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने 2022 में सीला कोई स्थित संग प्लांट सेंटर में 40 करोड़ की लागत से निर्मित परफ्यूम क्रिएशन लैब का लोकार्पण किया।
इस प्रयोगशाला में सगंध पौधे से निकाले जाने वाले तेल और विभिन्न उत्पादों पर शोध किया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के दो-तीन तरीके हैं। या तो उन्हें अधिक किस्म की जमीन दी जाए जो खाली पड़ी है या फिर उस पर खेती करके उनकी अतिरिक्त आय उत्पन्न की जाए।
हमारा क्षेत्र खाली पड़ी जमीन पर खेती करके किसानों की आय बढ़ाने का काम करता है। उत्तराखंड को सगंध पौधों का उपयोग करके अपने किसानों की आय बढ़ानी चाहिए। उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है। यहां औषधीय गुणों वाले कई पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियां बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं।
इन औषधियों से कई तरह के सौंदर्य उत्पाद बनाए जाते हैं। साथ ही कई तरह के फलों से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। अब अगर तिमूर से बने इत्र और सेंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम मिल जाता है तो देश-दुनिया में इसकी पहचान और बढ़ जाएगी।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा