New eye drop: भारत ने कर दिया कमाल बना दिया जादुई आंखो का ड्रॉप,बस एक बूंद से उतर जाएगा आंखों का चश्मा,जानिए कीमत
New Eye Drops: अब आपको अगले महीने भारतीय बाजारों में ऐसी दवा मिलेगी,जिसके डालने से चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी,ये नई दवा क्या है? इसके लिए कितनी कीमत अदा करनी होगी? आइए जानते हैं। New Eye Drops: अगर आपकी नजर कमजोर है और पढ़ने के लिए चश्मे का यूज करते हैं तो अब इस …

New Eye Drops: अब आपको अगले महीने भारतीय बाजारों में ऐसी दवा मिलेगी,जिसके डालने से चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी,ये नई दवा क्या है? इसके लिए कितनी कीमत अदा करनी होगी? आइए जानते हैं।
New Eye Drops: अगर आपकी नजर कमजोर है और पढ़ने के लिए चश्मे का यूज करते हैं तो अब इस आदत को छोड़ दीजिए। क्योंकि अगले महीने भारत के बाजारों में एक खास दवा आ रही है। जिसको डालने के बाद चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये कारनामा कर दिखाया है मुंबई स्थित एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स ने।
इस कंपनी ने पिलोकार्पाइन का उपयोग करके नई ‘प्रेसवू’ आई ड्रॉप्स तैयार की हैं। अक्टूबर में प्रिस्क्रिप्शन आधारित यह दवा सिर्फ साढ़े 300 रुपये में भारतीय बाजारों में उपलब्ध होगी,यह आंखो के मरीजों के लिए यह एक वरदान साबित होने वाली है। यह आपको जल्द मिलेगी।
अभी तक 250 लोगों पर हुई टेस्टिंग
अब तक ऐसी कोई दवा नहीं बनाई गई थी सिर्फ चश्मा कॉन्टेक्ट से काम चलाना पड़ता था, एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स आंखों, ENT और स्किन की कई प्रकार की दवाओं को बनाती है। यह भारत की पहली दवा है, जिसकी टेस्टिंग भारतीयों पर ही की गई है। भारतीयों की आनुवांशिक आबादी के आधार पर इसे डेवलप किया गया है।
सिर्फ पंजीकृत चिकित्सकों की अनुशंसा पर इसे खरीद सकेंगे। कंपनी ने दवा के लिए 2022 की शुरुआत में DCGI से मंजूरी मांगी थी जिसके बाद कंपनी को चरण-3 क्लीनिकल परीक्षण के लिए कहा गया था। पूरे देश में 10 साइटों पर 250 रोगियों पर इसकी टेस्टिंग की गई।
ये दवा पुतलियों का आकार करती है छोटी
आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस दवा को 40-55 वर्ष की आयु के लोगों के लिए हल्के से मध्यम प्रेसबायोपिया (बढ़ती उम्र में आंखें कमजोर होना) के इलाज के लिए डेवलप किया गया है। दो साल तक इस आई ड्रॉप्स पर काम किया गया।
जिसके बाद कंपनी को सफलता मिली,अब दवा नियामक एजेंसी ने इस आई ड्रॉप्स को मंजूरी दे दी है।मंगलवार को मुंबई स्थित एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स परिसर से इसे लॉन्च किया गया है। यह दवा पुतलियों के आकार को कम करके प्रेसबायोपिया का इलाज करती है। जिससे पास की चीजें देखने में मदद मिलती है।
प्रेसबायोपिया की बीमारी 40 साल के बाद होती है। जिससे पास की वस्तुओं को देखने में दिक्कत होती है। इस बीमारी के कारण आंखों की क्षमता कम होने लगती है। 60 के अंत तक तो आंखें बिल्कुल खराब हो जाती हैं।
एन्टोड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) निखिल के मसुरकर का दावा है कि इन ड्रॉप्स को डालने के बाद 15 मिनट में असर दिखना शुरू हो जाता है। अगले छह घंटों तक असर रहता है। अगर पहली बूंद के तीन घंटे के भीतर दूसरी बूंद डाली जाए तो असर लंबे समय तक रहेगा।