किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनमें से दो फैसले किसानों से जुड़े हैं। ये दोनों फैसले यूरिया प्लांट और देश की डेयरी के विकास से जुड़े हैं। इन दोनों फैसलों से देश के लाखों किसानों को फायदा होगा। असम में यूरिया प्लांट की मांग काफी समय से चल रही थी, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसी तरह पशुपालन के महत्व को देखते हुए सरकार डेयरी विकास से जुड़े कामों में करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है

जिसकी घोषणा कैबिनेट की बैठक में की गई है। कैबिनेट ब्रीफिंग में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने डेयरी विकास के लिए संशोधित राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। संशोधित एमपीडीडी एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें एक करोड़ की अतिरिक्त राशि बढ़ाई गई है, जिसे 15वें वित्त आयोग ने मंजूरी दी है। इस अवधि का कुल बजट 2790 करोड़ हो गया है। यह पहल डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित है, जिससे इस क्षेत्र की वृद्धि और विकास होगा।

डेयरी विकास के संबंध में, सरकार का ध्यान सहकारी समितियों के माध्यम से डेयरी विकास पर है। इस परियोजना में किसानों को दूध उत्पादन कंपनियां खोलने की सुविधा दी जाएगी। इसमें सबसे बड़ा फोकस डेयरी के जरिए दूध की सरकारी खरीद और दूध उत्पादों में मूल्यवर्धन पर है। यूरो प्लान के बारे में बताया गया कि रूप अमोनिया यूरिया प्लांट प्रोजेक्ट में एक संयुक्त बेंच बनाई जाएगी, जिसमें असम सरकार, वीएफ एल सी एच यू आर एल एनएफ एल ऑल इंडिया लिमिटेड शामिल होंगे।

ये सभी कंपनियां संयुक्त बेंचर होंगी। करोड़ों रुपये के निवेश से यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। इस परियोजना के शुरू होने से असम और कई अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे यूरिया की उपलब्धता बढ़ेगी। खेती-किसानी से जुड़ी ऐसी ही अच्छी और राहत भरी खबरों के लिए बने रहे.