MP News: मध्य प्रदेश कि शान है यह दो जिले, हर घर से एक - एक फौजी, 40 हजार लोग भारतीय सेना में पाकिस्तान से की जंग
मध्य प्रदेश का मुरैना जो देश की रक्षा के लिए वीर पैदा कर रहा है. यहां के कटैलापुरा गांव है, जहां से हर घर फौज में है। यहां के युवा कोई सेना में है तो कोई अर्धसैनिक बलों में अपने सेवाएं दे रहा है।

मध्य प्रदेश का मुरैना जो देश की रक्षा के लिए वीर पैदा कर रहा है. यहां के कटैलापुरा गांव है, जहां से हर घर फौज में है। यहां के युवा कोई सेना में है तो कोई अर्धसैनिक बलों में अपने सेवाएं दे रहा है। यहां के युवाओं में सेना में जाने का सबसे अधिक क्रेज भी है। जिला सैनिक बोर्ड के अनुसार दो भिंड - मुरैना जिलों में लगभग 40 हजार लोग भारतीय फौज में है।
जिसमें ज्यादातर वर्तमान में सीमा पर तैनात है। मीडिया ने इस गांव की पड़ताल की और जाना कि भारत - पाकिस्तान के बीच तनाव के हालत के बीच यह गांव क्या सोच रहा है।
गांव वालों ने कहां किसी बात का डर नहीं
जब मीडिया ने गांव वालों से सवाल जवाब किए तब बताया कि परिवार के 30 से 35 लोग भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिशुपाल सिंह तोमर के दोनों भाई सेना में है। उन्होंने बताया कि एक भाई रिटायर हो चुके हैं और दूसरा भाई अभी वर्तमान में जैसलमेर सरहद पर है। उनसे पूछा गया कि सीमा पर जो हालात इसके बारे में क्या सोचते है? तब उन्होंने बताया कि डर किस बात का जंग के लिए तो हम भी तैयार है।
हमें भी बुला लेंगे तो जरूर जाएंगे। हमारे गांव में तो फौज में जाने के लिए हर युवा बेकरार रहता है। यहां का तो एक ही नियम है कि या तो मरेंगे या तो मारेंगे हमारे गांव का युवा शहीद हो जाएगा लेकिन मोर्चे से हटेगा नहीं।
छुट्टी पर आए लेकिन वापिस बुलाया गया
कटौलपुरा गांव खड़ियाहर सीकरी 5 किलोमीटर दूर है। गांव की आबादी बहुत कम है, लेकिन यहां भी हर घर में फौजी है गांव के हरेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ बच्चे छुट्टी लेकर घर आए थे, लेकिन छुट्टी खत्म होने से पहले ही वापस मोर्चे पर चले गए हैं। हमारे गांव में सेना में जाने का ट्रेंड शुरू से ही चल रहा है।
वही राम प्रकाश ने बताया कि मेरा बेटा भी फौज में है उसकी पोस्टिंग जम्मू में है। वह छुट्टी में घर घूमने आया था ,लेकिन 11 मई को उसकी छुट्टी खत्म हो रही है, लेकिन उससे पहले ही वह 6 मई को बुला लिया गया।
रामप्रकाश के दोस्त लोकेंद्र ने बताया कि हमारे घर में 8 से 10 लोग फौज में है। एक भाई और भतीजा जम्मू में इस समय पोस्टेड है मेरे बड़े भाई कैप्टन वीरपाल सिंह कारगिल युद्ध लड़कर आए दोनों भाई धर्मवीर और प्रेम सिंह शहीद हुए.
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक फौजी भिंड मुरैना से
मुरैना जिले से कुल 14 हजार फौजी देश की रक्षा में लगे हुए है जबकि भिंड में सेना में 22 हजार लोग गए है। इस तरह मध्य प्रदेश के 45 फ़ीसदी लोग भिंड मुरैना से हैं जो भारतीय फौज में शामिल है। कोई देश की सीमा में ड्यूटी कर रहा है तो कोई ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपनी सेवाएं और देश की रक्षा कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।
पिता जी शहीद हुए तब में 1 साल का था
सौरभ सिंह तोमर के द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई कि, मैं फौज में नहीं हूं लेकिन मेरे पिताजी फौज में रहते हुए शहीद हुए हैं । सौरव सिंह तोमर का कहना है पिताजी कारगिल युद्ध में शहीद हुए वह राजपूत रेजीमेंट में थे और चैन वाली गाड़ी टैंक चलाते थे उनके दादाजी भी फौज में रहे हैं। उन्होंने बताया कि मेरे घर में शुरू से ही फौज में जाने की परंपरा है लोग सेना में अपनी सेवाएं दे चुके है।
सौरभ ने बताया कि जब मेरे पिताजी शहीद हुए तो मैं केवल एक साल का था। आज मैं 26 साल का हो गया, मां ने अकेले ही मुझे बड़ा किया है। मैं भी पहुंच जाऊ लेकिन घर वालों ने मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि हमारे चाचा और ताऊ के परिवार से भी कई लोग भारतीय सेना में है। अब पाकिस्तान में जो किया है उसे मुंहतोड़ जवाब तो देना ही चाहिए.