Mock drill: कल देश के 244 स्थानों पर बजेगा युद्ध सायरन, शिवसेना सांसद ने कहा - युद्ध करो थाली तो कोरोना काल में भी बजी थी
सरकारी सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जारी निर्देश में कहा है कि राज्य नागरिक सुरक्षा को सुचारू बनाए रखने के लिए 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है और पाकिस्तान के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई की जानी है, इसे लेकर भारत में बैठकों का दौर चल रहा है। रक्षा मंत्रालय से लेकर गृह मंत्रालय तक पाकिस्तान और आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए रणनीति बना रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी कई बड़े और सख्त कदम उठाए हैं। जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जारी निर्देश में कहा है कि राज्य नागरिक सुरक्षा को सुचारू बनाए रखने के लिए 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन करेंगे। केंद्र सरकार की ओर से जारी इस आदेश की टाइमिंग काफी अहम है क्योंकि निर्देश ऐसे समय जारी किए गए हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और देश में कभी भी युद्ध छिड़ने का माहौल है।
अलग अलग राज्यों में कुछ ऐसा बजेगा मॉक ड्रिल
आखिरी बार ऐसा अभ्यास 1971 में किया गया था। वो साल जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों को भेजे गए निर्देश में अलग-अलग तरह की मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए गए हैं। पहला, हवाई हमलों के दौरान नागरिकों को आगाह करने के लिए सायरन बजाना। दूसरा, नागरिकों और छात्रों को दुश्मन देश के हमले की स्थिति में खुद को बचाने और सुरक्षा मानकों को अपनाने का प्रशिक्षण देना। तीसरा, हमले की स्थिति में लोगों को बचने के तरीके बताना और प्रशिक्षित करना। चौथा, युद्ध के दौरान हमले से महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों को बचाने और संरक्षित करने की कोशिश करना और उसके लिए प्रशिक्षण देना। पांचवां, हमले के समय निकासी योजना को लागू करना और उसका पूरी तरह से अभ्यास करना।
आतंकी हमले करने के बाद नहीं सुधरा पाकिस्तान
दरअसल, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है कि भारत कभी भी उन पर हमला कर सकता है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के दोषियों और उनके आकाओं को खत्म करने की कसम खाई है। आपको बता दें कि इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद भी पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। सख्त कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। पिछली 11 रातों से पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों पर लगातार गोलीबारी की। सीमा पार से इस्लामाबाद की लगातार हो रही गोलीबारी का भारत ने भी कड़ा जवाब दिया है। साथ ही भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि सीजफायर का दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। लेकिन जिस तरह से भारत अभी एक्शन में है, उससे माना जा रहा है कि कभी भी कुछ भी बड़ा हो सकता है।
शिवसेना सांसद ने कहां इससे पहले भी हमने युद्ध देखा
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहां 1971 के युद्ध का अनुभव हमारे पास है। बाद में कारगिल का अनुभव हमारे पास है। कारगिल का युद्ध एक जगह हुआ था। लेकिन अगर पूरा देश युद्ध झेल रहा हो, तो सरकार अगर इस तरह से मॉक ड्रिल करना चाहती है, तो ठीक है। लेकिन मॉक ड्रिल क्या है? कल सब काला हो जाएगा। एक दिन लाउडस्पीकर बज जाएंगे और फिर कुछ होगा। ट्रैफिक रुक जाएगा। हमने 1971 में यह देखा है। उस समय संचार के साधन नहीं थे। अब आप लोगों को दिन-ब-दिन बता सकते हैं कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।
जैसे आपने कोरोना काल में किया। कोरोना के दौरान युद्ध हुआ। यह इस देश का सबसे बड़ा युद्ध था। हमने इसे किया है। लेकिन उस समय मोदी जी ने कहा था कि उस युद्ध के खिलाफ लड़ने के लिए थाली बजाओ, ताली बजाओ। देश के हर नागरिक और सरकार को देखा जाएगा. लेकिन युद्ध के बाद जो स्थिति पैदा होती है, वो युद्ध ही होती है. गोलियां चलेंगी, बम फेंके जाएंगे, आप घुस जाएंगे. कुछ लोग लाहौर जाकर पतंजलि का कारखाना लगाना चाहते हैं, वो भी करेंगे. वो जमीन ले लेंगे. हां. लेकिन युद्ध के बाद देश में जो स्थिति पैदा होती है, वो बहुत गंभीर होती है. उसके लिए आपको सबको साथ लेकर चर्चा करनी होगी. खास तौर पर विपक्षी दलों, क्या यही मोदी जी की तैयारी है? सबको साथ लेकर चलिए. अगर आप वाकई युद्ध लड़ना चाहते हैं, मॉक ड्रिल की जगह युद्ध लड़ना चाहते हैं,
तो आपको सबको साथ लेकर चलना चाहिए. आपको लगातार सबसे बात करनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा है कि विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. हम लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं. आपस में बात कीजिए. देश निश्चित तौर पर संकट में है. देश युद्ध की स्थिति में है, इसलिए हम आपके साथ रहेंगे. क्योंकि हम देशभक्त हैं. हम राष्ट्रवादी हैं. हम देश में संकट के समय राजनीति नहीं करेंगे. ये हमारा वादा है. लेकिन इस बात का खुलासा होना चाहिए कि देश का गृह मंत्री देश में पैदा होने वाले हालात को संभालने में सक्षम है या नहीं. पिछले 10 सालों में देश में जो हालात पैदा हुए हैं और जो अराजकता पैदा हुई है, उसके लिए देश का गृह मंत्री जिम्मेदार है. इसलिए आपको ये बदलाव करने होंगे. आपको सरकार में बदलाव करने होंगे. जब लल्लू पंजू, आपके चमचे यहां बैठे हैं, तो वे युद्ध के बाद की स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे. आपको शायद एक राष्ट्रीय सरकार बनानी पड़ेगी. एक राष्ट्रीय सरकार बनानी पड़ेगी.