क्या सरकार कच्चे तेल में नरमी का लाभ आम जनता को देगी? क्या पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होंगी? इन सभी सवालों के जवाब आपको मिलेगा।

ब्रांड क्रूड की कीमत 2% गिरकर $60 प्रति बैरल पर कारोबार कर रही है। पिछले एक हफ्ते में कच्चे तेल में 7% और पिछले 6 महीनों में 20% की गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के फैसले के बाद आई है। OPEC प्लस देशों ने लगातार दूसरे महीने कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। ओपेक प्लस देशों ने जून से प्रतिदिन अतिरिक्त 4.11 लाख बैरल तेल का उत्पादन करने का फैसला किया है। मई में हम पहले ही इतना उत्पादन बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। इस तरह 2 महीने में कुल 8 लाख बैरल प्रतिदिन अतिरिक्त सप्लाई बाजार में आएगी।

तेल के गिरते दाम से देश को होगा फायदा

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के पीछे की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मध्य पूर्व का दौरा भी है। ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप ने सऊदी अरब पर दबाव बनाया है कि वह कच्चे तेल की कीमतें कम कराए ताकि अमेरिकी जनता को राहत मिले। वैसे कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए फायदे का सौदा है। भारत अपनी 80 फीसदी से ज्यादा तेल जरूरत आयात से पूरी करता है। सस्ते तेल की वजह से भारत को कई फायदे होंगे। इससे भारत का आयात बिल कम होगा। डॉलर में भुगतान कम होगा। सरकार का भौतिक घाटा कम होगा। जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक योजनाओं पर ज्यादा पैसा खर्च किया जा सकेगा। डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति मजबूत होगी। कच्चा तेल सस्ता होने से सरकार ही नहीं बल्कि कंपनियों को भी फायदा होगा।

कच्चे तेल के गिरते दाम से पेट्रोल डीजल कैसे होगा सस्ता?

रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार होगा। EBITDA में हर 1 डॉलर की गिरावट से इन कंपनियों को ₹200 से ₹300 करोड़ का फायदा हो सकता है। टायर केमिकल FMCG कंपनियों की लागत में भी कमी आएगी। इससे मार्जिन में भी सुधार होगा। कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के साथ ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी नरमी के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी को लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ये सिर्फ बाजार में लगाई जा रही अटकलें हैं। एक अनुमान के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में 1 डॉलर प्रति बैरल की कमी आने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 40 पैसे से 50 पैसे प्रति लीटर की कमी आ सकती है। लेकिन यह कोई तय फॉर्मूला नहीं है। इस पर पॉलिसी, टैक्स और डॉलर रेट का बड़ा असर पड़ता है

इस साल कच्चा तेल 20% सस्ता हुआ लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम जस के तस हैं। जिस तरह से कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं, आप इस बारे में क्या सोचते हैं?.