Mp news: कभी रीवा अमहिया के सफेद शेर के नाम से जाने , जाने बाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री निवास की दहाड़ से राज्य से लेकर दिल्ली तक की सरकार हिल जाया करती थी जी हा आज भी अमहिया नगरी में खाली पड़ा तखत, ये मसनद और ये सन्नाटे भरा बरामदा उस दौर की गवाही देते हैं जिस दौर में यहां से कभी सरकार चला करती थी. ये तखत…सिंहासन था… उस राजा का… जिसे लोग सफ़ेद शेर कहते थे. उस शेर की दहाड़ से भोपाल से लेकर दिल्ली में भूचाल आ जाता था, बड़े – बड़ों की कुर्सी हिल जाती थीं।
Mp news: दिल्ली तक जाती थी दादा की दहाड़
दादा की गूंज दिल्ली तक सुनाई देती थी. मगर अब ना वो दौर है , न वो दहाड़ और ना ही इस तखत में बैठकर सभा चलाने वाला वो सफ़ेद शेर. कुछ बचा है तो वो हैं सिर्फ़ यादें और कुछ कहानियां..तो आइए हम आपको विस्तार से बताते है पूरी विरासत ।
बात सन 1952 के पहले आम चुनाव की है जहा श्री निवास तिवारी यानी दादा उन दिनों सोशलिस्ट पार्टी में हुआ करते थे लोकसभा के चुनाव में सीधी संसदीय क्षेत्र से भगवान दत्त शास्त्री को पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया यमुना प्रसाद शास्त्री को सिंबल मिला उन्होंने पर्चा भी दाखिल कर दिया इसी बीच लोहिया जी को ना जाने क्या सूझी वे कानपुर के उद्योगपति सेठ राम रतन को लेकर आ गए और कहा सीधी की टिकट पर अब यह लड़ेंगे लोहिया जी के फैसले को चुनौती देना उन दिनों सोशलिस्ट के लिए भगवान को
चुनौती देना था ।
Mp news: जनता के फैसले पर ही करते थे राजनीति
मगर साथियों की रोक टोक के बाद भी श्री निवास तिवारी ने कहा हम डॉक्टर साहब का फैसला नहीं मानेंगे यह क्या बात हुई दिन भर सेठ साहूकारों जमीदारों के खिलाफ बोलो और रात को सेठों से समझौता नहीं होगा ऐसा । तय हुआ कि शास्त्री जी पर्चा वापस ले और रामरतन उम्मीदवार बने सहज शास्त्री जी तो तैयार बैठे थे पर जिस दिन पर्चा खींचने की बारी आई तो श्री निवास तिवारी सीधी पहुंचे एक साइकिल जुगाड़ी किसी ने शास्त्री जी को साइकिल के डंडे में बैठाया और उन्हें लेकर जंगल गए जब पर्चा खींचने की मियाद खत्म हुई तब लेकर लौटे ।
https://haritprawah.com/madhya-pradesh-news-8/
Mp news: जनता जनार्दन के निर्णय से चलती थी सरकार
इसके बाद आप कल्पना कर सकते हैं कि लोहिया जी का गुस्सा कैसा रहा होगा पर राजनीति के करियर बनाने के दिनों में श्री निवास तिवारी के यह तेवर थे किसी ने उनसे पूछा ऐसा क्यों किया तब उन्होंने जवाब दिया चुनाव जनता जिताती है लोहिया नहीं । बड़े बुजुर्गों का कहना है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री और श्रीनिवास तिवारी ऐसे शख्स थे जो हर गरीब मजदूर की समस्याओं का त्वरित निराकरण करते थे उनकी हुकुमत यहां से दिल्ली तक चलती थी आपको बता दें की दहाड़ से मध्य प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की सरकार भी हिल जाती थी। लोगों की माने तो श्रीनिवास तिवारी ने रीवा जिले में चुनावी सभा के दौरान आए अटल बिहारी वाजपेई के हेलीकॉप्टर को उतरने नहीं दिया था।
Mp news: श्रीनिवास तिवारी ने अटल बिहारी वाजपेयी को रीवा में उतरने नहीं दिया
रीवा के बड़े बुजुर्ग आज भी श्री निवास तिवारी का किस्सा बताते है कि श्रीनिवास तिवारी ने अटल बिहारी को रीवा की धरती पर पैर नहीं रखने दिया था. कुछ लोगों का कहना है कि ये सब अफवाह है । ऐसा कोई भी वर्ग नहीं था जो अमहिया से खाली हाथ निराश होकर लौटे हर वर्ग हर व्यक्ति का काम श्रीनिवास तिवारी के एक फोन से हो जाता था
एक फ़ोन से हिला देते थे राजधानी
एक किस्सा आज भी लोगों के जवान में है दादा न हो दऊ आय, वोट न द तऊ आय’ मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कद्दावर नेता स्व. श्रीनिवास तिवारी जिन्हें ‘सफेद शेर’ के नाम से भी जाना जाता था। विंध्य क्षेत्र के लिए सदैव खड़े रहने के कारण उन्हें विंध्य पुरुष भी कहा जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी ने माना था mp का सफेद शेर
मध्य प्रदेश में 2003 विधानसभा चुनाव को संबोधित करने आए मध्य प्रदेश के रीवा जिले में अटल बिहारी वाजपेई ने भाषण के दौरान श्रीनिवास तिवारी को सफेद शेर कहा था लोग कहते है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सभा में पहुंचने के रास्ते को श्री निवास तिवारी के समर्थकों ने जाम कर दिए थे। तब उन्होंने सफेद शेर कहा था ।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा