. Rewa news: मध्यप्रदेश के कद्दावर एवं यशस्वी नेता स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी की प्रतिमा श्री निवास तिवारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगवां जवा के प्रांगण में स्थापित की जाएगी, जिसका अनावरण फरवरी 2025 में आयोजित होने वाले अमर शहीद कबड्डी प्रतियोगिता एवं श्रीनिवास तिवारी स्मृति प्रसंग के दौरान किया जाना है।

प्रतिमा स्थापना समिति के संयोजक शिव बालक पांडेय एवं सह संयोजक बालेंद्र प्रसाद मिश्र ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि प्रतिमा स्थापना के लिए लिए गए शुभ संकल्प के अनुसार श्री निवास तिवारी जी की जयंती 17 सितंबर एवं पुण्यतिथि 19 जनवरी को स्मरण करते हुए क्षेत्र के 19 उत्साही एवं ऊर्जावान सदस्यों सहित एक संयोजक एवं एक सह संयोजक को प्रतिमा स्थापना समिति में शामिल किया गया है।

21 नवंबर 2024 को प्रतिमा निर्माण की जिम्मेदारी मकराना राजस्थान के कुशल कारीगर को सौंपी गई। इस संबंध में यह भी बताया गया कि प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में पूरे जिले, संभाग और प्रदेश से श्री निवास तिवारी के दस हजार समर्थकों और आम लोगों को आमंत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। जल्द ही सभी सदस्यों की बैठक बुलाकर इस संबंध में विस्तृत रूपरेखा और अनावरण की तिथि तय की जाएगी।

Rewa news: श्री निवास तिवारी का सफ़र

श्रीनिवास तिवारी का जन्म 17 सितंबर 1926 को उनके ननिहाल शाहपुर जिला रीवा में हुआ था। श्रीनिवास तिवारी का गृह ग्राम तिवानी जिला रीवा है। माता का नाम कौशल्या देवी और पिता का नाम पंडित मंगलदीन तिवारी है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गृह ग्राम तिवनी मंनगवां और मार्तंड स्कूल रीवा में हुई। उन्होंने एम.ए., एल.एल.बी., उच्च शिक्षा टी.आर.एस. कॉलेज रीवा (तब दरबार कॉलेज) से की।

श्रीनिवास तिवारी छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहे और सामंतवाद के खिलाफ़ काम किया। यहीं से उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। श्रीनिवास ने 1952 में सबसे कम उम्र के विधायक बनने का गौरव भी हासिल किया। इसके बाद वे 1957 से 1972 से 1985, 1990 से 2003 तक लगातार जीतते रहे। वे 1980 में राज्य सरकार में मंत्री, 23/3/1990 से 15/12/1992 तक विधानसभा के उपाध्यक्ष तथा 1993 से 2003 तक विधानसभा के अध्यक्ष रहे। श्रीनिवास की अनेक उपलब्धियां रहीं तथा उनका उल्लेखनीय कार्य राजनीति, समाज सेवा, प्रशासन एवं साहित्य के क्षेत्र में रहा है।

Rewa news: राजनीतिक सफर


श्री निवास तिवारी का राजनीतिक सफर कांटों भरा रहा है। श्रीनिवास तिवारी बचपन से ही स्वतंत्रता आंदोलन और समाजवादी आंदोलन से प्रभावित थे। जब वे मार्तंड स्कूल में कक्षा 8 में छात्र थे, तभी वे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे। दरबार कॉलेज में आने के बाद उन्होंने एक वाद-विवाद क्लब बनाया और दरबार कॉलेज के महासचिव भी रहे। उनमें अद्भुत संगठन क्षमता थी, छात्र जीवन में अंकुरित राजनीति का बीज समय के साथ आकार लेता रहा।

श्री निवास तिवारी समाजवादी विचारधारा और समाजवादी आंदोलन से जुड़ गए। वे लोहिया के समाजवाद से प्रभावित थे और उन्हें डॉ. राम मनोहर लोहिया का भरपूर स्नेह मिला। जमींदारी प्रथा का विरोध करते हुए उन्हें कृष्णपाल सिंह, ओंकारनाथ खरे, श्रवण कुमार भट्ट, चंद्रकिशोर टंडन, हरिशंकर, मथुरा प्रसाद गौतम, ठाकुर प्रसाद मिश्र, सिद्धविनायक द्विवेदी, जगदीश चंद्र जोशी, यमुना प्रसाद शास्त्री, चंद्रप्रताप तिवारी, अच्युतानंद मिश्र, महावीर सोलंकी, शिव कुमार शर्मा और लक्ष्मण सिंह तिवारी आदि का सहयोग मिला।