MP Weather: मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम के मिजाज बदलने के संकेत मिल रहे हैं। 11 फरवरी के बाद से राज्य के कई हिस्सों में मौसम अचानक करवट ले सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 14 फरवरी तक कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी होने की संभावना है। इस बदलाव से खासतौर पर किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बारिश से गेहूं और अन्य फसलों पर असर पड़ सकता है।

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फरवरी में ठंड का आखिरी दौर

मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सर्दी का आखिरी दौर हो सकता है। इसलिए राज्यभर में सर्द हवाएं तेज़ी पकड़ रही हैं। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अधिकतर जिलों में मौसम शुष्क बना रहा, जबकि न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया।

प्रदेश के पचमढ़ी, गिरवर, सीहोर, रायसेन और राजगढ़ जैसे इलाकों में तापमान सामान्य से कम रहा। मध्य प्रदेश में सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 8.1 डिग्री सेल्सियस और गिरवर में 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मध्य प्रदेश की हवा में सुधार, मैहर की सबसे स्वच्छ

मध्य प्रदेश की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। खासकर मैहर शहर की हवा प्रदेश में सबसे स्वच्छ मानी जा रही है। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, मैहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 94 दर्ज किया गया, जो कि साफ हवा की श्रेणी में आता है।

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अन्य जिलों की बात करें तो:

ओरछा का AQI – 117

सागर का AQI – 141

उमरिया का AQI – 150

उज्जैन का AQI – 154

राजधानी भोपाल की वायु गुणवत्ता में भी सुधार दर्ज किया गया है।

ठंड और बारिश का रहेगा असर

प्रदेश में सर्द हवाओं की गति फिर से तेज हो सकती है, जिसका कारण पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी बताया जा रहा है। फरवरी में एक बार फिर ठंड प्रभावी हो सकती है, जिससे कई इलाकों में बारिश भी देखने को मिलेगी। मौसम के इस बदलाव को देखते हुए लोगों को ठंड से बचाव के उपाय करने की सलाह दी जा रही है।

निष्कर्ष:

मध्य प्रदेश में सर्दी अब अपने अंतिम दौर में है, लेकिन इस दौरान हल्की बारिश और ठंडी हवाएं फिर से लोगों को ठिठुराने के लिए तैयार हैं। किसानों को फसल बचाने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है, वहीं प्रदूषण के मामले में प्रदेश में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जो एक अच्छी खबर है।