पतंजलि का 8 साल पहले किया वादा नहीं हुआ पूरा, अब रीवा में 1000 हजार करोड़ निवेश के नाम पर जमीनों पर नजर - MP News
MP News: पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार 23 अक्टूबर को रीवा में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन में एमपी सरकार से 1000 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया है। कहा गया है कि इससे 2500 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह निवेश विभिन्न जिलों में वेलनेस सेंटर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में किया …

MP News: पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार 23 अक्टूबर को रीवा में क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन में एमपी सरकार से 1000 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया है। कहा गया है कि इससे 2500 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह निवेश विभिन्न जिलों में वेलनेस सेंटर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में किया जाएगा। सरकार इन वादों से खुश है, लेकिन आठ साल पहले किया गया वादा अभी भी अधूरा है। आइए आपको बताते हैं कि वो वादा क्या है
2016 के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कही थी ये बात
बाबा रामदेव ने 2016 में इंदौर में हुए मशहूर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शिरकत की थी और इस दौरान उन्होंने 500 करोड़ के निवेश और 5000 लोगों को रोजगार देने का वादा किया था। किसानों के हितों की बात की गई थी और उनके गेहूं और दूसरे उत्पादों की खरीद का भी वादा किया गया था। सरकार ने उन्हें पीथमपुर में 40 एकड़ बेशकीमती जमीन महज 25 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से कुल 10 करोड़ में दे दी थी। लेकिन वो दिन और हालात थे, आठ साल बाद पतंजलि ने उस जमीन पर कब्जा करने के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने जमीन की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल बनाकर उस पर पूरा कब्जा कर लिया। एक भी व्यक्ति को रोजगार नहीं मिला क्योंकि वहां कोई प्लांट नहीं लगा।
किसानों की आय बढ़ाने का वादा किया था - MP News
बाबा रामदेव ने वादा किया था कि किसानों से गेहूं और उत्पाद लेकर प्लांट में फूड प्रोसेसिंग यूनिट चलाई जाएंगी और उससे पास्ता और दूसरे उत्पाद बनाकर निर्यात किए जाएंगे। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी। लेकिन आज तक कंपनी ने किसानों से एक रुपए का भी गेहूं व अन्य उत्पाद नहीं खरीदा है।
वेलनेस सेंटर के नाम पर फिर जमीन की चाहत
पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने अब रीवा कॉन्क्लेव में 1000 करोड़ का वादा किया है। उनकी इच्छा उज्जैन में वेलनेस आयुर्वेद सेंटर बनाने की है, जिसके लिए उन्हें सिंहस्थ से पहले उज्जैन में जमीन का बड़ा टुकड़ा चाहिए। जिस तरह से उज्जैन में जमीन के दाम बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए पतंजलि समूह ने सरकार के सामने बड़ा दाव फेंका है। समिट में आचार्य ने सरकार को पर्यटन, आईटी सेक्टर और फूड प्रोसेसिंग जैसे कई सेक्टर में निवेश के सपने दिखाए हैं। सपने इसलिए क्योंकि इससे पहले आठ साल पुराना वादा भी पूरा नहीं हो पाया है। फूड प्रोसेसिंग में भी कंपनी सरसों और सूरजमुखी उगाने और ऑयल सेक्टर में आगे बढ़ने का इरादा रखती है। इसके लिए भी उनकी नजर मध्य प्रदेश की जमीनों पर टिकी है।
दो बार भेजा गया जमीन वापस लेने का प्रस्ताव
वादे के मुताबिक बाबा रामदेव को सितंबर 2019 तक यानी तीन साल में पीथमपुर की इस 40 एकड़ जमीन पर प्लांट लगाकर उत्पादन शुरू करना था। इसके बाद बाबा ने एक साल की छूट ली, फिर कोविड के नाम पर दो साल की छूट लेकर प्रोजेक्ट को टालते रहे। MIDC इंदौर से जमीन वापस लेने के लिए एक बार नहीं बल्कि दो बार फाइल भोपाल गई, क्योंकि जमीन आवंटन निरस्त करने की जिम्मेदारी भोपाल की है। लेकिन फाइल भोपाल जाती है, वहां से आचार्य बालकृष्ण सरकार से बात कर नया आश्वासन देते हैं और मामला फिर ठंडा पड़ जाता है।