MP News: मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद जबलपुर में मुख्यमंत्री मोहन यादव के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में परिवहन व्यवस्था के लिए अधिग्रहित बसों में डीजल भरा गया, लेकिन भुगतान न होने के कारण यह मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है।

क्या है पूरा मामला?

जबलपुर के आईएसबीटी बस स्टैंड के पास स्थित पेट्रोल पंप संचालक सुगम चंद्र जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि 3 जनवरी 2024 को हुए इस कार्यक्रम के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने मौखिक रूप से बसों में डीजल भरने के निर्देश दिए थे। इसके तहत उनके पेट्रोल पंप से करीब 6 लाख रुपये का डीजल बसों में भरा गया।

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भुगतान में देरी से बढ़ा विवाद

पेट्रोल पंप संचालक का दावा है कि अगस्त 2024 में उन्होंने भुगतान के लिए प्रशासनिक अधिकारियों—संयुक्त कलेक्टर, जिला आपूर्ति अधिकारी और नगर निगम आयुक्त—से संपर्क किया। कलेक्टर कार्यालय ने भी निगमायुक्त को भुगतान करने के निर्देश दिए, लेकिन अब तक कोई राशि प्राप्त नहीं हुई।

कोर्ट ने जताई गंभीरता

हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या प्रशासन की ओर से कोई लिखित आदेश (पीओएल) जारी किया गया था? इस पर उन्होंने बताया कि बसों में डीजल भरवाने के निर्देश केवल मौखिक रूप से दिए गए थे।

कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एसोसिएशन और उसके सदस्यों को डीजल की प्रतिपूर्ति करें। साथ ही, कलेक्टर से यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्या किसी कानून के तहत निगमायुक्त मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में लगी बसों के डीजल का भुगतान करने के लिए बाध्य हैं।

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भ्रष्टाचार की आशंका

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं का प्रतीत होता है। इसके मद्देनजर, जिला कलेक्टर को इस संबंध में हलफनामे के रूप में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं।

आगे की राह क्या

कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि याचिकाकर्ता अब अपनी याचिका वापस नहीं ले सकता। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष रावत ने पैरवी की। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और कोर्ट का अंतिम निर्णय क्या होगा।