MP News Live: मध्य प्रदेश में क्या किसानों को सही वक्त पर खाद मिल पा रही है,क्या किसान खाद को लेकर परेशान है या फिर ग्राउंड परिस्थिति बिल्कुल सही है। कम से कम अगर हम मौजूदा स्थितियों की बात करें मध्य प्रदेश में खाद को लेकर किसान नाराज भी हैं और सवाल भी खड़े कर रहे हैं। कह रहे हैं घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है, लेकिन खाद क्यों नहीं मिल पा रही है।
नाराज किसान सरकार के दावों पर सवाल उठा रहे हैं वहीं
खाद को लेकर कृषि मंत्री सिंह कंसाना के बयानों के बाद सियासत और गरमा गई मध्य प्रदेश में किसानों को खाद उपलब्ध कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है,घंटों कतार में लगने के बावजूद पर्याप्त खाद नहीं मिल रही है।
बुआई के मौसम में खाद की किल्लत जी का जंजाल बन गई है,कृषि उपज मंडी में खाद के लिए किसानों की भीड़ देखने को मिल रही है। आधार कार्ड की फोटोकॉपी लिए किसान कतार बद्ध नजर आ रहे हैं। किसानों को सुबह से लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिली है।
फसलों की बिजाई से पहले खाद की किल्लत ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है खाद के लिए किसानों को लंबी-लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। सीहोर दमोह अशोक नगर और गुना जैसे जिलों में समस्या काफी विकराल रूप धारण कर चुकी है। खात के लिए किसानों के बीच मारामारी जैसे हालात बन गए हैं।
नाराज किसान सरकार के दावों पर सवाल उठा रहे हैं तो विपक्ष किसानों को हो रही खाद की समस्या के लिए सरकार को जिम्मेदार बता रहा है,तो खाद की किल्लत पर सरकार सफाई दे रही है। कृषि मंत्री एल सिंह कंसाना का कहना है कि यूक्रेन रूस युद्ध के कारण खाद आने में
देरी हो रही है।
वहीं कृषि मंत्री के बयान पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पलटवार करते हुए बीजेपी को किसान विरोधी करार दे रहे हैं। यूक्रेन व लड़ाई की वजह से हमारे जो जहाज सीधे आते थे,उससे आने में हमें 15 कम से कम 14 15 दिन के फेर के वजह से जहा जा रहे हैं।
यही वजह है इसमें कमी आई है रूस तो ठीक है हमें निर्यात करता था,रूस के अलावा ब्राजील ना सऊदी अरेबिया सरकार चाहती नहीं कि किसानों को खाद मिले डीएपी मिले यूरिया मिले अगर चाहे तो तत्काल इन देशों को ऑर्डर देकर बुलवा सकती है। खाद की कमी मध्य प्रदेश में पूरी कर सकती है लेकिन मोहन यादव मोहन यादव है किसानों के नहीं है मध्य प्रदेश में किसान खात के लिए परेशान है।
विपक्ष सरकार पर किसानों की समस्या को लेकर हमलावर है और सरकार खाद समस्या के लिए यूक्रेन रूस युद्ध को जिम्मेदार बता रही है। अब देखना होगा कि किसानों की समस्या पर शुरू हुई सियासत कहां तक जाती है और किसानों की समस्या का समाधान होता है या नहीं।
मेरा नाम अमर मिश्रा है और मैं मध्यप्रदेश के रीवा जिले का निवासी हूं। मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई B.Com / CA अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) से पूरी की है। मुझे मीडिया जगत में काम करते हुए लगभग 9 साल से ज्यादा का अनुभव है।मैंने 2016 में रीवा जिले में पत्रकारिता की शुरुआत की थी और FAST INDIA NEWS से अपने कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद, 2017-18 में मैंने मध्यप्रदेश जनसंदेश और आंखों देखी लाइव में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। 2019 में, मैंने अमरकीर्ति समाचार पत्र में रीवा ब्यूरो प्रमुख के रूप में कार्य किया। 2019-20 से, मैं HARIT PRAWAH समाचार पत्र का सम्पादक हूँ।अपने पत्रकारिता करियर के दौरान, मुझे सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रस्तुत करने के लिए कई बार सम्मानित किया गया है। मेरी कोशिश हमेशा यही रही है कि मैं अपने पाठकों को सच्ची और प्रामाणिक खबरें प्रदान करूं।पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरी यह यात्रा निरंतर जारी है और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सटीक समाचार प्रदान करता रहूंगा।
संपादक – अमर मिश्रा