MP के इन किसानों के खाते में सीधे 10 हजार भेजेंगे CM मोहन यादव,अन्नदाताओं को मिल मिल गई बड़ी सौगात!
MP News CM Mohan Yadav: राज्य सरकार प्रदेश के सभी धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी। यह दो हजार रुपए प्रति हेक्टेयर होगी। इसके लिए कृषि विभाग योजना तैयार कर रहा है। CM मोहन यादव ने कहा नहीं देंगे सरकारी नौकरी इसको खत्म करना हमारा उद्देश्य,राज्य का 60% बजट होता है खराब! इसमें अधिकतम …

MP News CM Mohan Yadav: राज्य सरकार प्रदेश के सभी धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी। यह दो हजार रुपए प्रति हेक्टेयर होगी। इसके लिए कृषि विभाग योजना तैयार कर रहा है।
इसमें अधिकतम पांच हेक्टेयर तक की सीमा तय की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जापान दौरे से लौटने के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। एक-दो महीने में बड़े कार्यक्रम में किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर देगी।
भाजपा ने किया था धान और गेहूं के दाम का वादा
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों से गेहूं 2700 रुपए और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का वादा किया था। संकल्प पत्र में भी इसका जिक्र किया गया था। जब गेहूं की खरीद शुरू हुई और बोनस की घोषणा नहीं हुई तो कांग्रेस ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। बाद में सरकार ने 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का फैसला किया।
किसानों को प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि
दिसंबर 2024 में राज्य सरकार ने निर्णय लिया कि धान उत्पादक किसानों को बोनस देने के बजाय प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह दो हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप कृषि विभाग ने योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है।
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योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले, इसके लिए सभी लघु, सीमांत और बड़ी जोत वाले किसानों को इसके दायरे में शामिल किया जाएगा। हालांकि, इसमें अधिकतम सीमा रखी जाएगी, यानी पांच हेक्टेयर तक के किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
38.86 लाख हेक्टेयर में हुई थी धान की बुआई
इस साल राज्य में किसानों ने 38.86 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की थी। सरकार ने छह लाख 368 हजार 654 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 43 लाख 47 हजार 206 टन धान खरीदा है। बाजार में कम कीमत के कारण बड़ी संख्या में किसानों ने उपज को रोक कर भी रखा है।
इस साल कितने किसानों ने धान की खेती की है, इसकी जानकारी राजस्व विभाग से ली जा रही है। विभाग गिरदावरी करता है, जिसमें यह जानकारी होती है कि किस किसान ने कितने रकबे में कौन सी फसल उगाई है।