MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के संविदा कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब नियमित भर्ती के समान संविदा नियुक्तियों में भी 50% आरक्षण लागू किया गया है। यह नया नियम 29 जनवरी 2025 से प्रभावी हो गया है, जो संविदा कर्मचारियों के लिए स्थायी नियुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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क्या है नया संशोधन?

महिला एवं बाल विकास विभाग ने "तृतीय श्रेणी (लिपिकीय) सेवा भर्ती नियम, 2009" में संशोधन करते हुए एक नया उप-नियम जोड़ा है। इसके तहत विभाग में सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध पदों के 50% तक पद उन संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित होंगे, जिन्होंने 5 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर ली है।

यह आरक्षण केवल उन्हीं संविदा कर्मियों को मिलेगा, जो नियमित पदों के समकक्ष संविदा पदों पर कार्यरत हैं। आरक्षण का लाभ केवल एक बार लिया जा सकेगा। नियुक्ति प्राप्त करने के बाद दोबारा इसका लाभ नहीं मिलेगा।

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संविदा कर्मचारियों के लिए क्या होगा फायदा?

इस निर्णय से राज्य के हजारों संविदा कर्मचारियों को स्थायी नौकरी पाने का अवसर मिलेगा। वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को अब नियमित पदों पर नियुक्ति का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न केवल कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मियों का मनोबल भी बढ़ेगा। यह कदम सरकार की संविदा कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच और संगठित श्रम सुधारों की दिशा में एक अहम पहल है।