MP News: मध्यप्रदेश में CBI का बड़ा एक्शन,सिंगरौली के NCL में दबिश ₹4 करोड़ जब्त 5 आरोपी गिरफ्तार!
MP News: मध्य प्रदेश में शनिवार देर रात से शुरू हुई छापेमार कार्रवाई में CBI ने सोमवार को भी NCL के दो अधिकारी सुनील प्रसाद सिंह और रवीन्द्र प्रसाद के घर पर दबिश दी। MP News: मध्य प्रदेश में दिल्ली से आई 22 सदस्यीय CBI टीम ने छापेमार कार्यवाही की है। इस कार्यवाही के दौरान …

MP News: मध्य प्रदेश में शनिवार देर रात से शुरू हुई छापेमार कार्रवाई में CBI ने सोमवार को भी NCL के दो अधिकारी सुनील प्रसाद सिंह और रवीन्द्र प्रसाद के घर पर दबिश दी।
MP News: मध्य प्रदेश में दिल्ली से आई 22 सदस्यीय CBI टीम ने छापेमार कार्यवाही की है। इस कार्यवाही के दौरान अब तक 5 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। शनिवार रात से शुरू हुई कार्रवाई में CBI डीएसपी सहित चार अन्य लोगों को अरेस्ट करते हुए चार करोड़ रुपए की नकद राशि भी बरामद की गई है।
17 अगस्त देर रात से शुरू हुई छापेमार कार्यवाही में CBI ने 19 अगस्त को NCL के दो अधिकारी सुनील प्रसाद सिंह और रवींद्र प्रसाद के घर पर छापा मारा इस दौरान सीबीआई टीम ने दस्तावेजों को खंगाला. सीबीआई ने तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं।

अब तक ये लोग हुए गिरफ्तार
जबलपुर सीबीआई के डीएसपी जॉय जोसेफ, दामने एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा,बसंत कुमार सिंह, मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल रविशंकर सिंह मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के मालिक,रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह।
CBI द्वारा सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिए और मालिक रविशंकर सिंह को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों, व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों के बीच मध्यस्त के रूप में काम कर रहा था।
यह लगे हैं आरोप
सीबीआई ने रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को अरेस्ट किया है, जो जबलपुर में सीबीआई के अफसर को पांच लाख रुपये की रिश्वत देने गया था, तभी उसे गिरफ्तार किया गया।
जबलपुर सीबीआई, एसबी ब्रांच के उप पुलिस अधीक्षक जॉय जोसेफ दामले को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
मुख्य प्रबंधक (प्रशासन), एनसीएल पर आरोप है कि सीबीआई जांच के बदले इन्होंने पैसे पहुंचाने वाले आरोपियों की मदद की।
एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा ने पहले सप्लायर रवि सिंह को मशीनरी सप्लाई के बदले में भुगतान करने के लिए सीएमडी के बीच मध्यस्थता की, इसके अलावा जब शिकायत CBI तक पहुंची तो इन्होंने रविशंकर सिंह और बसंत कुमार सिंह के जरिए सीबीआई के पास पैसे पहुंचाने में मदद की।