जबलपुर हाइकोर्ट के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने IAS अधिकारी को कहा-जेल जाएंगे या आदेश करेंगे पूरा!
Jabalpur Highcoart Judge Vivek Agrawal: हाई कोर्ट में हाल ही में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें सोसाइटी एडमिनिस्ट्रेटर को आदेश का पालन न करने पर कड़ी चेतावनी दी गई। मामले की सुनवाई के दौरान जज ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी को …

Jabalpur Highcoart Judge Vivek Agrawal: हाई कोर्ट में हाल ही में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें सोसाइटी एडमिनिस्ट्रेटर को आदेश का पालन न करने पर कड़ी चेतावनी दी गई। मामले की सुनवाई के दौरान जज ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना होगा और सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है मामला
कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी किया था, जिसे पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारी को समय दिया गया था। लेकिन जब अदालत ने कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी, तो यह पाया गया कि अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जब कोर्ट ने एडमिनिस्ट्रेटर से सवाल किया कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि वे अब इस पद पर नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि वर्तमान एडमिनिस्ट्रेटर कौन है और क्यों अब तक आदेश का अनुपालन नहीं हुआ।
कोर्ट का सख्त रुख
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेश का पालन करना अनिवार्य है। यदि सात दिनों के भीतर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी को 1 मार्च 2025 को अदालत में पेश होना होगा। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि यदि उस दिन भी अनुपालन नहीं किया गया, तो 5 मार्च 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी और अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।
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अधिकारियों की जिम्मेदारी
सुनवाई के दौरान, यह भी स्पष्ट हुआ कि पहले के डिप्टी रजिस्ट्रार नवंबर 2024 में रिटायर हो चुके हैं, और वर्तमान में नए इंचार्ज डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यरत हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि यह जिम्मेदारी मौजूदा एडमिनिस्ट्रेटर की है, और वे इस आदेश का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि या तो आदेश का अनुपालन करें, या फिर इसके कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। सात दिनों की मोहलत दी गई है, और इसके बाद किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना होगा कि संबंधित अधिकारी आदेश का पालन करते हैं या कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहते हैं।