Rewa news: रीवा के निजी अस्पताल बन सकते है रायपुर की तरह ज्वाला ,, नही है फायर सिस्टम व NOC
Rewa news: रीवा जिले में कई ऐसे निजी अस्प्ताल है जहां फायर सिस्टम नहीं है ना ही फायर एनओसी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा ली गई है आपको बता दे की कुछ गिने-चुने अस्पतालों में फायर सिस्टम लगे हैं तो वह भी एक्सपायरी हो चुके हैं जिनका देखरेख करने वाला कोई भी जिम्मेदार नही है अभी …

Rewa news: रीवा जिले में कई ऐसे निजी अस्प्ताल है जहां फायर सिस्टम नहीं है ना ही फायर एनओसी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा ली गई है आपको बता दे की कुछ गिने-चुने अस्पतालों में फायर सिस्टम लगे हैं तो वह भी एक्सपायरी हो चुके हैं जिनका देखरेख करने वाला कोई भी जिम्मेदार नही है अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में नामी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में आग लग गई और वो भी उस समय जब ट्रॉमा सेंटर में एक मरीज का ऑपरेशन चल रहा था. ।
Rewa news :एक्सपायरी मिले फायर सिस्टम
किसी भी बड़े संस्थान में आग जैसी घटनाओं से निपटने के लिए अग्निशमन व्यवस्था यानी फायर सिस्टम होता है, लेकिन बीते मंगलवार को हुई आग की घटना में बड़ी लापरवाही सामने आई है. आग लगने के दौरान जब फ्लोर पर लगे अग्निशमन सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की गई तो आग और तेज हो गई. ।

Rewa news: मीडिया की पड़ताल में हुआ खुलासा
अंबेडकर अस्पताल जिसे मेकहारा अस्पताल भी कहते हैं, जहा पर मीडिया ने पड़ताल किया तो एक्सपायर फायर सिलेंडर लटका हुआ मिला और इस तरह से कई एक्सपायर सिलेंडर लटके हुए थे. बीते दिन जब आग लगी तो कहा गया कि जब इस सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की गई तो इस प्रकार के सिलेंडरों की वजह से आग और तेज हो गई. ये दुखद है. ।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में किस तरह से एक्सपायर सिलेंडर लटक रहे हैं और ये इस बात का सबूत है कि यहां का फायर सिस्टम कितना कमजोर है. । रीवा जिले में इस तरह की आग जनी की घटनाओं से बचने लिए प्रशासन को अपनी कमर कसने की आवश्यकता है क्योंकि रीवा जिले में निजी से लेकर के सरकारी अस्पतालों में फायर सिस्टम के ऐसे सिलेंडर लटक रहे हैं जिसमे कई बरसों से धूल जमी हुए हैं जो एक्सपायरी भी हो चुके हैं ।
बड़े हादसे के बाद जगाता है प्रशासन
Rewa news: बड़े हादसे के बाद जगता है प्रशासन
अगर देखा जाए तो प्रशासन की नींद कब खुलती है जब कहीं आगजनी जैसी बड़ी घटना घटित हो जाती है उसके बाद खाना पूर्ति के लिए प्रशासन जागता तो है मगर कुछ दिनों बाद फिर से सभी निर्देश सभी कारवाइयां ठंडे बस्ते में कैद हो जाती हैं अगर हम बात करें रीवा जिले की तो रीवा जिले में ऐसे कई निजी अस्पताल एवं अन्य संस्थान है जिन्हें फायर एनओसी तक नहीं प्राप्त हुई है और ना इन्होंने फायर सेफ्टी सिलेंडर रखा हुआ है अगर कुछ जगहों की बात करें तो वहां पर सिलेंडर तो रखे हैं मगर वह एक्सपायरी हो चुके हैं ।