MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिले के गढ़ाकोटा में आयोजित तीन दिवसीय रहस मेले का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने किसान सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनमें गेहूं और चावल के समर्थन मूल्य में वृद्धि, सड़क निर्माण और उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल थीं।

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बुंदेलखंड: वीरों की भूमि

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बुंदेलखंड को "वीरों की धरती" बताते हुए कहा कि यहां के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देते हुए सागर-दमोह रोड को फोरलेन में बदलने की घोषणा की। साथ ही, रहली-देवरी मार्ग को डबल लाइन बनाने की मांग को भी स्वीकार किया।

किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं

किसानों की समृद्धि को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने गेहूं के समर्थन मूल्य को 2600 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की और अगले साल इसे 2700 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाने का वादा किया। इसके अलावा, धान उत्पादक किसानों को 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस देने की भी घोषणा की गई। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 20% की वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रही है और फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले किसानों को अनुदान देने की योजना पर भी काम कर रही है।

महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, बालिकाओं की शादी और सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को भी मजबूत किया जाएगा।

रहस मेला प्रेम और उत्सव का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले का आयोजन केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और समाज को जोड़ने के लिए किया जाता है। उन्होंने पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव द्वारा 21,000 बेटियों की शादी कराने के विश्व रिकॉर्ड की सराहना की और कहा कि यह आयोजन सामाजिक एकता और सद्भाव का संदेश देता है।

सागर में नए उद्योगों की स्थापना

प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर जिले में हजारों करोड़ रुपए के निवेश से नए उद्योग-धंधे स्थापित किए जाएंगे। इससे किसानों, युवाओं और महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, बुंदेलखंड की सुनार नदी को नर्मदा नदी से जोड़ने की योजना पर भी काम किया जाएगा, जिससे सिंचाई की सुविधाएं बढ़ेंगी और किसानों को फायदा मिलेगा।

220 वर्षों का ऐतिहासिक मेला

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि रहस मेला 220 साल पुरानी परंपरा है और यह समय के साथ और भी भव्य होता जा रहा है। 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने इस मेले को बढ़ावा देने की बात कही थी, और अब वर्तमान सरकार इसे और भी व्यापक रूप में विकसित कर रही है।