मऊगंज गड़रा गांव के लोग डर के साये में हैं। आपको ज्ञात होगा कि गांव में एक ASI सहित 2 की हत्या की गई थी। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने धारा 163 लगा दी थी, जिसके बाद लोगों को पूछताछ के लिए ले जा रही थी। जिससे लोगों लगता है कि पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए गांव में मौजूद है, लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस केवल सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात है। अपराधियों पर ही कार्रवाई होगी, निर्दोषों को घबराने की जरूरत नहीं है।

क्या है पूरा मामला

मऊगंज जिले के गड़रा गांव में 15 मार्च को एक आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बना लिया था। जब पुलिस उसे छुड़ाने पहुंची, तो कुछ आरोपियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में तहसीलदार कुमारे लाल पनका गंभीर रूप से घायल हुए और एएसआई रामचरण गौतम तथा बंधक युवक सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई।

गांव में पसरा सन्नाटा

इस हिंसा के बाद से गड़रा गांव के 400 से ज्यादा लोग डर के चलते अपने घरों से पलायन कर चुके हैं। गांव में सिर्फ ताले लटके हैं और गलियां वीरान हो चुकी हैं। कुछ लोग जो बचे हैं, वे भी इतने डरे हुए हैं कि बाहर निकलने तक से कतरा रहे हैं।

पुलिस मवेशियों की भी देखभाल कर रही

गांव के लोग तो चले गए, लेकिन उनके मवेशी यहीं रह गए। पिछले 10 दिनों से पुलिस न केवल गांव की सुरक्षा कर रही है, बल्कि पशुओं के लिए चारा और पानी की भी व्यवस्था कर रही है। यह प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है कि वे सिर्फ कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों का भी ख्याल रख रहे हैं।

आईजी की अपील: डरें नहीं, घर लौटें

रीवा आईजी साकेत पांडेय ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने घरों को लौट आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस सिर्फ दोषियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई कर रही है, आम निर्दोष लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विवाद दो समाजों के बीच नहीं, बल्कि दो परिवारों के बीच था, इसलिए इसे बेवजह तूल न दिया जाए।

गांव में शांति, अब लौट आइए

आईजी पांडेय ने कहा, "हमारा मकसद केवल अपराधियों को पकड़ना है। पुलिस किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं कर रही है। ग्रामीण बेझिझक अपने घर वापस आएं और प्रशासन का सहयोग करें।"

गांव के लोग अब धीरे-धीरे लौट रहे हैं। स्थिति सामान्य हो रही है। पुलिस का कहना है कि वे यहां केवल शांति बनाए रखने के लिए हैं, न कि किसी निर्दोष को परेशान करने के लिए। ग्रामीणों को प्रशासन पर भरोसा रखकर जल्द से जल्द अपने घरों को लौटना चाहिए।